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जयपुर, 22 जुलाई। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को चौंकाने वाली घटना बताते हुए मंगलवार को कहा कि ‘‘दबाव में काम करने वाला व्यक्ति ही इस प्रकार से चौंकाने वाला इस्तीफा दे सकता है।’’
गहलोत ने यह भी कहा कि धनखड़ के इस्तीफे से राजस्थानवासियों को गहरा धक्का लगा है।
धनखड़ ने सोमवार देर शाम स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया।
गहलोत ने धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बारे में पूछे जाने पर यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘इसमें कोई दोराय नहीं है कि यह घटना पूरे देश को चौंकाने वाली है। आजादी के बाद उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा पहली बार हुआ है।’’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस्तीफे के लिए बताए गए कारणों में किसी को भी सच्चाई नजर नहीं आ रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘घटना इस प्रकार मोड़ ले रही है। प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) आजकल विदेश दौरे पर जा रहे हैं... अचानक उपराष्ट्रपति का इस्तीफा होता है जो देश-दुनिया में चर्चा का विषय बन जाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘धनखड़ साहब राजस्थान के हैं तो उनके इस्तीफे से राजस्थान वासियों को बहुत धक्का लगा। वह किसानों की बात संसद एवं उसके बाहर लगातार उठाते रहे हैं। थोड़े दिन पहले ही उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री को खरी-खोटी भी सुनाई। दस जुलाई को ही उन्होंने कहा कि मैं 2027 तक सेवानिवृत्त हो जाऊंगा।’’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गहलोत ने कहा, ‘‘जोधपुर में मैंने दस दिन पहले कहा था कि राज्यसभा के सभापति एवं लोकसभा अध्यक्ष दोनों राजस्थान से हैं और दोनों दबाव में काम कर रहे हैं। वह सच्चाई सामने आ गई। अब दबाव में काम करने वाला व्यक्ति ही इस प्रकार से चौंकाने वाला इस्तीफा दे सकता है। यह मेरा मानना है।’’
गहलोत के अनुसार हालांकि, धनखड़ ने बाद में किसी तरह के दबाव में होने का खंडन किया था।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अब असली बात क्या हुई है वह तो आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) वाले जानें या भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) वाले जानें या प्रधानमंत्री को मालूम होगा। मेरे ख्याल से दोनों को ही मालूम होगा कि किन कारणों से इस्तीफा हुआ है।’’
उन्होंने कहा कि इस चौंकाने वाली घटना की सच्चाई तो आने वाले वक्त में ही सामने आएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे उनके परिवार से 50 साल से संबंध रहे हैं। हम सबको बड़ा दुख हुआ कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया।’’
कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने धनखड़ के इस्तीफे पर कहा, ‘‘भाजपा को न किसानों से कोई विशेष लगाव है, न ही उनके बेटों से। आजीवन संघर्ष करके भाजपा संगठन को सींचने वाले किसान के बेटों के लिए इनके दिलों में कोई स्थान नहीं है।’’
डोटासरा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘हालांकि किसको पद पर बैठाना है और किससे इस्तीफा लेना है, यह भाजपा का आंतरिक मामला है। लेकिन संकेत स्पष्ट हैं चाहे संगठन हो या संवैधानिक पद.. जो सोचने-समझने लगा, बोलने लगा है वो अब बोझ है।’’ (भाषा)