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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जांजगीर-चांपा, 22 जुलाई। साइबर ठगों ने जिले में एक रिटायर्ड बुजुर्ग से सीबीआई अधिकारी बनकर 32 लाख 54 हजार रुपये की ठगी कर ली। ठगों ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने और डिजिटल अरेस्ट की धमकी देकर डराया और अलग-अलग बैंक खातों में मोटी रकम ट्रांसफर करवा ली।
जानकारी के मुताबिक, शंकर नगर कॉलोनी निवासी 65 वर्षीय तुषारकर देवांगन, जो सिंचाई विभाग से सेवानिवृत्त हैं, को 3 जुलाई को एक अनजान वॉट्सऐप कॉल आया। कॉल करने वालों ने खुद को विजय खन्ना और रश्मि शुक्ला बताया और कहा कि वे सीबीआई और टेलीकॉम अथॉरिटी के अधिकारी हैं।
उन्होंने बुजुर्ग को धमकाते हुए कहा कि उनका नाम मनी लॉन्ड्रिंग केस में आ चुका है और जल्द ही उनकी डिजिटल गिरफ्तारी होने वाली है। ठगों ने वॉट्सऐप पर एक फर्जी गिरफ्तारी वारंट भी भेजा और एक आरोपी नरेश गोयल की फोटो दिखाकर डराने की कोशिश की।
बुजुर्ग डर गए और अपना खाता चेक कराने के बहाने ठगों द्वारा बताए गए बैंक खातों में कई बार पैसा ट्रांसफर कर दिया।
ठगों ने 12 लाख रुपये इंडसइंड बैंक के खाते में, 2.05 लाख रुपये बैंक ऑफ महाराष्ट्र के खाते में, 6 लाख रुपये इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक के खाते में, 10 लाख 50,000 हजार रुपये यस बैंक के खाते में, 99 हजार 998 रुपये सौम्या जायसवाल की यूपीआई में, 99 हजार 998 रुपये राहुल इस्लाम (बैंक ऑफ महाराष्ट्र) के नाम पर ट्रांसफर कराए गए। कुल मिलाकर 32 लाख 54 हजार 996 की ठगी हो गई।
कई दिनों तक बातचीत के बाद जब ठगों का मोबाइल बंद हो गया, तब तुषारकर देवांगन को ठगे जाने का एहसास हुआ। उन्होंने तुरंत सिटी कोतवाली थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई।
सीएसपी कविता ठाकुर ने बताया कि यह पूरा मामला मुंबई के कोलाबा पुलिस स्टेशन में केस दर्ज होने की झूठी कहानी पर आधारित था। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।
पुलिस ने बुजुर्गों और आम लोगों से अपील की है कि इस तरह के वॉट्सऐप कॉल्स या धमकियों में न आएं और तुरंत नजदीकी थाने को सूचना दें।