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(छत्तीसगढ़ न्यूज़डेस्क/ चैटजीपीटी)
डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राजनीति में फिर से हलचल मचा रहे हैं। राष्ट्रपति चुनाव 2024 की तैयारियों के बीच उन्होंने वादा किया है कि वे सत्ता में आते ही "राजनीतिक बदले और भ्रष्ट तंत्र" को खत्म करेंगे। लेकिन तभी एलन मस्क की एक टिप्पणी ने तूफ़ान ला दिया — “2024 से पहले एप्स्टीन की डायरियाँ सार्वजनिक होनी चाहिए।” मस्क का संकेत ट्रंप की ओर था, और उसी संदर्भ में फिर से जीवित हुआ एक भूत: जेफ्री एप्स्टीन का अतीत।
एप्स्टीन, जो एक फाइनेंसर, सोशलाइट और अंततः सिद्ध यौन अपराधी था, 2019 में जेल में रहस्यमयी हालात में मरा। उसकी गिरफ्तारी और मौत से पहले, उसके साथ अमेरिका और यूरोप की ताक़तवर हस्तियों के रिश्ते उजागर हुए — जिनमें ब्रिटिश राजघराने से लेकर हॉलीवुड, वॉल स्ट्रीट और वॉशिंगटन डीसी तक के नाम शामिल हैं।
लेकिन ट्रंप का नाम उस लिस्ट में सबसे चुभने वाला रहा, क्योंकि वे न सिर्फ एप्स्टीन के करीबी थे, बल्कि उनके बयान और तस्वीरें आज भी सवाल खड़े करती हैं। क्या ट्रंप सिर्फ एक पुराने दोस्त थे या किसी ऐसे नेटवर्क का हिस्सा जिसमें सेक्स, सत्ता और ब्लैकमेल एक अंधेरे सौदे की शक्ल में जुड़े हुए थे?
इस रिपोर्ट में हम इसी रहस्यमयी दोस्ती, उसके नैतिक और राजनीतिक आयाम, और एप्स्टीन की मौत से जुड़ी खुफ़िया साज़िशों की थ्योरीज़ की पड़ताल करेंगे।
न्यूयॉर्क और फ्लोरिडा के आलीशान महलों, निजी जेट विमानों और खूबसूरत महिलाओं के बीच, डोनाल्ड ट्रंप और जेफ्री एप्स्टीन की दोस्ती एक समय बहुत चर्चा में रही थी। दोनों न्यूयॉर्क के सफल बिजनेस मैन थे, पार्टियों के शौकीन और ग्लैमर वर्ल्ड के चर्चित चेहरे। लेकिन वक्त के साथ यह दोस्ती एक ऐसे मोड़ पर पहुँची, जहाँ से अपराध, शोषण और मौत की साजिशों की कहानियाँ शुरू होती हैं।
शुरुआत: दो रईस, एक जैसी ज़िंदगी
1990 के आसपास दोनों की दोस्ती शुरू हुई। दोनों एक ही सामाजिक तबकों में उठते-बैठते थे – पाम बीच, मैनहटन, मार-ए-लागो जैसे हाई-प्रोफाइल ठिकानों पर। ट्रंप ने एक बार एप्स्टीन को "शानदार इंसान" बताते हुए कहा था कि उसे खूबसूरत महिलाओं के साथ रहना पसंद है, "जिनमें से कुछ बहुत कम उम्र की भी हैं"।
1992 में एनबीसी की एक वीडियो में दोनों को एक पार्टी में एक साथ दिखाया गया था, जहाँ चीयरलीडर्स के बीच ट्रंप और एप्स्टीन मज़े करते नज़र आते हैं। दोनों की पहचान 'पार्टीबॉय' और 'सोशलाइट' के तौर पर थी।
मार-ए-लागो का वो दिन
2000 में मार-ए-लागो क्लब के लॉकर रूम के बाहर एप्स्टीन की साथी घिसलेन मैक्सवेल की एक 17 साल की लड़की से मुलाक़ात होती है – उसका नाम था वर्जीनिया गिफ्रे। उसे क्लब में मसाज देने का ऑफर मिलता है। गिफ्रे बाद में सामने आकर बताती है कि उसे यौन शोषण का शिकार बनाया गया और एप्स्टीन ने उसका सौदा घिसलेन के साथ मिलकर शुरू किया।
गिफ्रे का दावा है कि ट्रंप ने कभी उसका यौन शोषण नहीं किया, लेकिन उसकी कहानी में यह स्पष्ट है कि एप्स्टीन के नेटवर्क में कई बड़ी हस्तियाँ थीं – ब्रिटिश शाही परिवार के प्रिंस एंड्रयू से लेकर अमेरिका के कई अरबपति।
एक और केस: ट्रंप पर आरोप
ट्रंप की एक पूर्व प्रेमिका जिल हार्थ ने दावा किया कि 1997 में ट्रंप ने जबरदस्ती उन्हें छूने और किस करने की कोशिश की थी। हालांकि यह मामला बाद में खारिज हो गया, लेकिन यह उस वक्त उठाया गया जब ट्रंप राष्ट्रपति पद के लिए नामांकित हो चुके थे।
रिश्तों में दरार: 2004 के बाद का बदलाव
2004 के बाद ट्रंप और एप्स्टीन की दोस्ती में दरार आ गई। फ्लोरिडा के पाम बीच में एक प्रॉपर्टी के मालिकाना हक को लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ। इसके बाद ट्रंप ने एप्स्टीन को अपने क्लब मार-ए-लागो से प्रतिबंधित कर दिया।
हालांकि कुछ रिपोर्टों में कहा गया कि ट्रंप ने एप्स्टीन की गतिविधियों को देखकर उससे दूरी बनाई, लेकिन कुछ रिपोर्टें बताती हैं कि यह सिर्फ व्यक्तिगत स्वार्थ का मामला था – दोनों एक ही सामाजिक सर्कल में ताकत और शोहरत के लिए मुकाबला कर रहे थे।
एप्स्टीन का गिरफ़्तारी और मौत
2008 में एप्स्टीन पर फ्लोरिडा में यौन अपराधों के आरोप लगे और उसे जेल की सजा हुई, मगर उसे एक बेहद नरम सौदा मिल गया – रोज़ 12 घंटे जेल से बाहर काम करने की छूट। इस पर बाद में काफी विवाद हुआ कि कैसे इतनी गंभीर धाराओं में उसे इतनी आसानी से राहत मिल गई।
2019 में जब एप्स्टीन दोबारा गिरफ्तार हुआ, तो उसकी असली साजिशें और नेटवर्क दुनिया के सामने खुलने लगे। कई पीड़ितों ने सामने आकर बयान दिया कि कैसे एप्स्टीन और मैक्सवेल ने नाबालिग लड़कियों को लालच और दबाव में यौन शोषण के लिए मजबूर किया।
हालांकि ट्रंप ने यह कहते हुए खुद को अलग किया – “मैं एप्स्टीन का फैन कभी नहीं रहा।” लेकिन एप्स्टीन की गिरफ्तारी के बाद उसके पास से मिले दस्तावेज़ों में ट्रंप का नाम कई बार आया।
ट्रंप प्रशासन का रवैया
ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद एप्स्टीन केस में कई मोड़ आए। एप्स्टीन की संदिग्ध मौत जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या की तरह दर्ज की गई, लेकिन बहुत से लोगों का मानना है कि यह ‘साफ-सुथरी हत्या’ थी। क्योंकि एप्स्टीन की मौत के बाद कई अमीर और ताकतवर लोग खुलासों से बच गए।
घिसलेन मैक्सवेल की गिरफ़्तारी और सज़ा
2020 में एप्स्टीन की करीबी घिसलेन मैक्सवेल को भी गिरफ्तार किया गया। उसने पीड़ित लड़कियों की भर्ती और यौन शोषण में भूमिका निभाई थी। 2022 में उसे 20 साल की जेल की सजा हुई।
क्या सब कुछ खत्म हो गया है?
एप्स्टीन अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उसका नेटवर्क और असर अब भी जिंदा है। उसकी डायरी, फ्लाइट रिकॉर्ड्स और गुप्त कैमरों की रिकॉर्डिंग्स अभी भी कई नामचीन लोगों के बारे में खुलासे कर सकती हैं।
नेताओं के लिए सबक
ट्रंप और एप्स्टीन की कहानी सिर्फ एक दोस्ती की कहानी नहीं है। यह सत्ता, पैसा, और वासना के उस चौराहे की कहानी है जहाँ नैतिकता दम तोड़ देती है। लोकतंत्र में यह बहुत जरूरी है कि ऐसे मामलों की निष्पक्ष जांच हो, और जो लोग दोषी हैं, वे चाहे जितने ताकतवर हों, उन्हें सजा मिले।
एप्स्टीन, CIA और Mossad: साज़िशों का अंतरराष्ट्रीय जाल?
जेफ्री एप्स्टीन की मौत और उसकी रहस्यमयी जीवनशैली ने दुनियाभर में सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि खुफिया एजेंसियों की भूमिका पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। कुछ जर्नलिस्ट्स, पूर्व खुफिया अफसरों और स्वतंत्र रिसर्चर्स का दावा है कि एप्स्टीन अकेले नहीं था — वो एक बड़े अंतरराष्ट्रीय ऑपरेशन का मोहरा था जिसमें CIA (अमेरिका) और Mossad (इज़राइल) जैसी खुफिया एजेंसियों की संभावित भूमिका पर चर्चा हो रही है।
1. 'कॉम्प्रोमैट' ऑपरेशन का शक
रूस और इज़राइल की खुफिया दुनिया में एक पुरानी रणनीति है जिसे “कॉम्प्रोमैट” कहा जाता है — यानि राजनेताओं, नौकरशाहों या बिजनेसमैन के गुप्त या आपत्तिजनक वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करना। एप्स्टीन की लग्ज़री प्रॉपर्टीज़ में गुप्त कैमरों का मिलना, और उन जगहों पर हाई-प्रोफाइल मेहमानों की लगातार आवाजाही, इसी दिशा में इशारा करते हैं।
बहुत से विश्लेषकों का मानना है कि एप्स्टीन की असली ताकत उसके कनेक्शन नहीं बल्कि जो वीडियो और रिकॉर्डिंग्स उसने इकट्ठे किए थे, वही उसकी सुरक्षा की गारंटी थे — जब तक वो ज़िंदा रहा।
2. घिसलेन मैक्सवेल का पारिवारिक बैकग्राउंड
एप्स्टीन की करीबी सहयोगी घिसलेन मैक्सवेल की पृष्ठभूमि भी संदेहास्पद है। उनके पिता, रॉबर्ट मैक्सवेल, एक ब्रिटिश मीडिया टाइकून थे जिनके बारे में लंबे समय से कहा जाता रहा है कि वे Mossad के एजेंट थे। उनकी मृत्यु भी 1991 में रहस्यमय हालात में हुई थी।
Mossad के कथित एजेंट की बेटी का एप्स्टीन के साथ मिलकर काम करना, और दोनों का नाबालिग लड़कियों को फँसाकर, दुनिया के ताकतवर पुरुषों तक पहुँचाना, कुछ विशेषज्ञों को इस थ्योरी की ओर मोड़ता है कि यह एक खुफिया ऑपरेशन हो सकता है — किसी देश विशेष के लिए ब्लैकमेल करने का नेटवर्क।
3. CIA की चुप्पी और सुरक्षा लूपहोल
एप्स्टीन की मौत को आधिकारिक तौर पर आत्महत्या बताया गया, लेकिन जेल में उस रात दोनों कैमरे बंद थे, गार्ड सो रहे थे, और उसका सेलमेट शिफ्ट कर दिया गया था — ये सब संयोग नहीं लगते। कई अमेरिकी पत्रकारों ने इसे "deep state" की कार्रवाई बताया — यानि अमेरिका की खुफिया एजेंसियाँ यह नहीं चाहती थीं कि एप्स्टीन अदालत में अपना मुँह खोले।
यह भी तथ्य है कि एप्स्टीन का फंडिंग सोर्स कभी साफ़ नहीं हुआ। उसकी अरबों डॉलर की संपत्ति का कोई स्पष्ट बिज़नेस मॉडल नहीं था — क्या यह किसी गुप्त सरकारी बजट से पोषित हो सकता था?
4. अब तक की जाँच और रुकावटें
जब 2019 में एप्स्टीन दोबारा गिरफ़्तार हुआ और जेल में मरा, तब उम्मीद जगी कि FBI और अमेरिकी न्याय विभाग उसके संपर्कों की गहराई तक जाएँगे। लेकिन उसकी मौत के बाद ज़्यादातर दस्तावेज़ों को "sealed" कर दिया गया, और कई नाम अभी तक सार्वजनिक नहीं हुए हैं।
बचे हुए दस्तावेज़ों में ट्रंप, बिल क्लिंटन, प्रिंस एंड्रयू, एलन डर्शोविट्ज़ जैसे बड़े नामों का ज़िक्र आता है। लेकिन अब तक न कोई बड़ी पूछताछ हुई, न मुकदमा।