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आरक्षक देगा प्रति माह पत्नी को 15 हजार रू. भरण-पोषण देगा
21-Jul-2025 7:07 PM
आरक्षक देगा प्रति माह पत्नी को 15 हजार रू. भरण-पोषण देगा

एक अन्य प्रकरण में तलाक लेने एकमुश्त देगा 1 लाख रू. भरण-पोषण भी 

रायपुर, 21 जुलाई। छत्तीसगढ़  महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, सदस्य श्रीमती लक्ष्मी वर्मा, श्रीमती सरला कोसरिया ने आज राज्य कार्यालय में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की। यह  प्रदेश स्तर पर आज 336 वी एवं रायपुर जिले में 158 वी जनसुनवाई की गई।

आज की सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में महिला ने बताया कि उसके पति की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी फिर भी जानबूझकर विवाह कराया गया। विगत 7 वर्षों से महिला के पिता के बेटी दामाद का पालन-पोषण  ईलाज भी करा रहे हैं । अनावेदकगणों ने अब तक अपने पुत्र के ईलाज व पालन-पोषण के लिए खर्च नहीं किया है। दोनो पक्षों को सुनने पर यह ज्ञात हुआ कि आवेदिका के पति को मानसिक ईलाज की जरूरत है। इस हेतु आयोग ने पति के ईलाज हेतु मानसिक रोग चिकित्सालय ग्राम सेंद्री जिला बिलासपुर को पत्र लिखकर अनुशंसा की । ताकि वह स्वस्थ्य हो सके। आवेदिका के पति के ईलाज के दौरान अनावेदकगण आवेदिका को 6 माह के भरण-पोषण के लिए 12 हजार रू. देंगे। उसके बाद रिपोर्ट के आधार निर्णय किया जायेगा।

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि आवेदिका की दो बेटियां होने के बाद से ही अनावेदकों का बहू के प्रति व्यवहार पूरी तरह से बदल गया। पति की दूसरी शादी करने के लिए  सास ने बहू  प्रताड़ित करना शुरू कर दिया और आवेदिका के खिलाफ पति ने षड्यंत्र कर जबरदस्ती आवेदिका को मानसिक रोग की दवा खाने को मजबूर किया। आवेदिका के इंकार करने पर आवेदिका को घर से निकाल दिया और आवेदिका के दोनों बेटियों को उससे छीन लिया। इस हेतु आयोग ने आवेदिका को निर्देशित किया कि वह थाना ने अनावेदकगणों के खिलाफ क्रूरता एवं प्रताड़ना का अपराध दर्ज करा सकती है व एफ.आई.आर दर्ज करवा सकती है। इस निर्देश के साथ प्रकरण नस्तीबध्द किया गया।

एक प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि अनावेदक ने विवाह के केवल 15 दिन के बाद ही उसे घर से निकाल दिया था। अनावेदक (पति) वर्तमान में तेलीबांधा थाना में कार्यरत है और 40 हजार रू. महीना कमाता है लेकिन अब तक आवेदिका को कोई भरण-पोषण नहीं दे रहा है। आयोग ने आदेश पर अनावेदक विवाह का सामान वापस देगा साथ ही प्रति माह 15 हजार रू. भरण-पोषण आवेदिका को देगा। प्रकरण की निगरानी आयोग के द्वारा की जायेगी।


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