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पहली पत्नी को भरण पोषण नहीं देने पर रेल कर्मी के निलंबन की अनुशंसा
21-Jul-2025 7:08 PM
पहली पत्नी को भरण पोषण नहीं देने पर रेल कर्मी के निलंबन की अनुशंसा

महिला आयोग का आदेश 

रायपुर, 21 जुलाई। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, सदस्य श्रीमती लक्ष्मी वर्मा, श्रीमती सरला कोसरिया ने आज राज्य कार्यालय में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की। यह  प्रदेश स्तर पर आज 336 वी एवं रायपुर जिले में 158 वी जनसुनवाई की गई।

एक प्रकरण में एक सास ने अपनी बहू व अपने पोते को अपने साथ रखने के लिए प्रकरण प्रस्तुत किया। अनावेदक बहू वर्तमान में 10 हजार रू. कमाती है और बच्चे का पालन-पोषण नहीं कर पा रही है। इस वजह से बच्चे को अपने माता-पिता के पास छोड़ रखी है। सास  और पति आज तक अपने पोते (4वर्ष) को देखने के लिए तरस गये है। चूंकि बहु बच्चे का पालन-पोषण नहीं कर पा रहीं और अपने ससुराल में भी नहीं रहना चाहती है। ऐसी स्थिति में आयोग ने दोनो पक्षों को आपसी राजीनामे से तलाक लेने की समझाईश दी, इस स्तर पर प्रकरण नस्तीबध्द किया गया। आयोग ने पति को समझाईश दी कि वह अपने पुत्र का पालन-पोषण करने के लिए नैसर्गिक संरक्षण के लिए कानूनी माध्यम से पुत्र को प्राप्त कर सकता है। इस स्तर पर प्रकरण नस्तीबध्द किया गया।

अन्य एक प्रकरण में एक  रेल कर्मी को पत्नी को भरण पोषण न देने पर निलंबन का प्रस्ताव डीआरएम को भेजने की बात कही। शिकायतकर्ता महिला ने  ने बताया की पिछली सुनवाई में अनावेदक (पति) को आदेशित किया गया था कि वह  नियमित भरण-पोषण देगा। लेकिन  नहीं दे रहा है। अनावेदक रेलवे में नौकरी करता है। अनावेदक का उसकी पहली पत्नी से तलाक हो गया है। आवेदिका उसकी दूसरी पत्नी है, अनावेदक ने अब तक आवेदिका और उसकी पुत्री का नाम अपनी सर्विस बुक में दर्ज नहीं कराया है। आयोग ने पति को समझाईश दी की यदि वह आवेदिका व उसकी पुत्री को भरण पोषण नहीं देगा, तो आयोग की ओर से डी.आर.एम को पत्र प्रेषित कर नौकरी से निलंबन की अनुशंसा की जाएगी।


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