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हम उस ‘ट्रंप ’ को खोज रहें जिसने सीजफायर किया था...
17-Jul-2025 2:44 PM
हम उस ‘ट्रंप ’ को खोज रहें जिसने सीजफायर किया था...

बिजली की दरों के मसले पर सदन में  अपने दल के रूख से भूपेश नाखुश 
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 17 जुलाई।
पूर्व सीएम भूपेश बघेल बुधवार को विधानसभा में बिजली की दरों में वृद्धि के मसले पर सीएम के जवाब से अपने कांग्रेस सदस्यों के संतुष्ट होने से नाखुश हैं। वो खुद सदन में मौजूद नहीं थे। लेकिन उन्होंने इशारों-इशारों में अपनी असहमति का इजहार कर दिया। उन्होंने हल्के फुल्के अंदाज में कहा कि हम उस ‘ट्रंप ’को खोज रहे हैं जिसने सीजफायर किया था। 
गुरुवार को विधानसभा की कार्यवाही हल्के फुल्के अंदाज में शुरू तो हुए लेकिन आधे घंटे बाद ही तल्खी में बदल गई और समूचे कांग्रेस विधायकों को दिन भर के लिए निलंबित कर दिया गया। पूर्वाह्न 11 बजे प्रश्न काल शुरू होते ही भाजपा के अजय चंद्राकर ने बुधवार को  नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत के सदन बहिष्कार का मामला उठाया। 
 

 

अजय ने कहा कि कल नेताजी ने सक्ती में स्थापित होने वाले निजी विश्वविद्यालय विधेयक का विरोध में बहिष्कार किया था आखिर क्यों? इस पर महंत ने कहा कि उन्होंने इसका नहीं, कृषि संशोधन विधेयक के विरोध में बहिष्कार किया था। इस पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने भी चुटकी ली। उन्होंने कहा कि कल सीजफायर हो गया था। अब हम उस ट्रंप को खोज रहें हैं जिसने सीजफायर किया था। जबकि आपरेशन सिंदूर बढिय़ा था। इसके बाद सवाल-जवाब का सिलसिला शुरू हुआ।  
खाद की प्रदेश व्यापी कमी पर आज के दूसरे प्रश्न पर चर्चा में जमकर विपक्ष ने हंगामा किया। आसंदी के सामने नारेबाजी पर सभी विधायक स्वयंमेव निलंबित होने के बाद अध्यक्ष ने दिनभर के लिए निलंबित रखने की घोषणा की। इसके बाद सदन से बाहर निकले बघेल और महंत ने मीडिया से चर्चा की। उनका कहना था कि हम लोग किसानों की दिक्कतों पर चर्चा कर रहे थे लेकिन सरकार नहीं चाहती थी। महंत ने कहा कि आसंदी के सामने जाने का निर्णय हम सबका था। जब पत्रकारों ने कहा कि आपका (बघेल) का नाम लिया जा रहा है। तो बघेल ने कहा यह निर्णय सबका था एक का नहीं। लेकिन सरकार की ओर से जो प्रस्ताव लाया गया वह निंदनीय है। यह पूछने पर कि आप टार्गेटेड हैं क्या? बघेल ने कहा कि हमेशा से टारगेट में रहा हूं। सारी एजेंसी के टारगेट में हूं, सरकार के टारगेट में हूं। नई बात क्या है। विपक्षी विधायकों के व्यवहार पर अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने काफी कड़ी व्यवस्था दी। उन्होंने प्रतिपक्ष के सदस्यों पर असंसदीय व्यवहार करने और  छत्तीसगढ़ की संसदीय परंपराओं मापदंडों की धज्जियां उड़ाने वाला बताया।
 


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