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सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद, NMC ने सभी मेडिकल कॉलेजों को सात दिन में कोर्सवार फीस और स्टाइपेंड सार्वजनिक करने का आदेश दिया है। उल्लंघन पर होगी कड़ी कार्रवाई।
रायपुर, 14 जुलाई। नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने देश के सभी सरकारी, निजी और डीम्ड विश्वविद्यालयों को आदेश दिया है कि वे अपने संस्थानों की कोर्सवार फीस और इंटर्न, जूनियर रेजिडेंट और सीनियर रेजिडेट को दिए जाने वाले स्टाइपेंड की पूरी जानकारी अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर सार्वजनिक करें।हाल में हुई सीबीआई की छापेमारी और निर्धारित फीस से अधिक वसूली के देश भर से हो रहे खुलासे के बीच यह आदेश दिया है।
यह निर्देश ऐसे समय में भी दिया हैजब सुप्रीम कोर्ट ने दो अलग अलग फैसलों में मेडिकल कॉलेजों द्वारा फीस छिपाने और इंटर्नशिप में स्टाइपेंड न देने को लेकर चिंता जाहिर की थी। एनएमसी ने साफ किया है कि सभी संस्थानों को नोटिस जारी होने की तारीख से 7 दिनों के भीतर अपनी फीस और स्टाइपेंड की जानकारी गूगल फॉर्म के जरिए जमा करनी होगी, ताकि सभी छात्रों और अभिभावकों को स्पष्ट जानकारी उपलब्ध हो सके। यह भी चेतावनी दी गई है कि बिना स्वीकृति लिए कोई भी छिपी हुई या अतिरिक्त फीस लेना अनधिकृत माना जाएगा, और ऐसा करने वाले संस्थानों पर शो कॉज नोटिस, जुर्माना, एडमिशन पर रोक, और कोर्स की मान्यता रद्द करने जैसे कड़े कदम उठाए जा सकते हैं। इस कदम का उद्देश्य न केवल शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाना है, बल्कि छात्रों को छिपी हुई फीस और शोषणकारी इंटर्नशिप शर्तों से भी बचाना है।
गौरतलब है कि NMC, जो 2020 में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की जगह गठित हुआ था। यह भारत में मेडिकल शिक्षा और मेडिकल प्रैक्टिस का शीर्ष नियामक निकाय है। इसका काम शिक्षा के मानक तय करना, कॉलेजों और डॉक्टरों की निगरानी करना, और राष्ट्रीय स्वास्थ्य ज़रूरतों के अनुसार सुझाव देना है।