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विस चुनाव को 3 वर्ष बाकी है भाजपा अभी से चुनावी मोड पर
04-Feb-2021 5:04 PM
विस चुनाव को 3 वर्ष बाकी है भाजपा अभी से चुनावी मोड पर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 4 फरवरी।
विधानसभा चुनाव को 3 वर्ष बाकी है परन्तु भाजपा अभी से चुनाव मोड में दिख रही है, इस बार बैकुंठपुर विधानसभा ने नए चेहरे गांव गांव में अपनी पैठ बनाते नजर आ रहे है, भाजपा में बीते 4 बार से राजवाड़े समाज से विधानसभा की टिकट मिलने के कारण अन्य समाज के उम्मीदवार इस बार ज्यादा सक्रिय नजर आ रहे है।  वहीं भाजपा के लिए बीते भाजपा के कार्यकाल में भूमि घोटाले को नेताओं द्वारा आश्रय देने को लेकर अब लोगों को काफी नाराजगी देखी जा रही है,  हलांकि इसका खमियाजा बीेते चुनाव में भाजपा को उठाना पड चुका है।

विधानसभा चुनाव में अभी 3 वर्ष बाकी है, हालांकि वर्ष 2023 पूरा चुनावी वर्ष होगा, ऐसे में 2 वर्ष में भाजपा अभी से मैदान में ताकत झोकने मे जुट चुकी है, सूत्रों की माने तो भाजपा का अंदरूनी सर्वे भी शुरू हो चुका है।  इधर, बैकुंठपुर विधानसभा में कई नए चेहरे इस बार अभी से मैदान में साफ नजर आने लगे है, सबसे पहला नाम भाजपा के जिला अध्यक्ष कृष्ण बिहारी जायसवाल का है, जिन्होंने अध्यक्ष की ताजपोशी के बाद भूमि घोटाले के साथ गलत कार्यों के खिलाफ अपने को अलग दिखने की अपनी पहचान बनाई, काफी दबाव के बाद भी वो टस से मस नहीं हुए और गलत के खिलाफ कार्यवाही में भाजपा को एकजुट रखा। श्री जायसवाल का भाजपा संगठन के शीर्ष नेताओं में अच्छ पैठ बताई जाती है। तेज-तर्रार अध्यक्ष होने के साथ गलत के साथ वे समझौता नहीं करते, ऐसा उन्हे लेकर चर्चा आम है।

दूसरा नाम पूर्व नपा अध्यक्ष शैलेष शिवहरे का है, वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में टिकट से सबसे पहले दावेदार थे, भाजपा के तमाम सर्वे तब यह बता रहे थे कि भाजपा को नए चेहरे से जीत मिल सकती है, बावजूद पुराने चेहरों के साथ भाजपा मैदान में उतरी और एक व्यक्ति के विरोध से तीनों सीट पर हार का सामना करना पड़ा। श्री शिवहरे ने भाजपा सरकार के समय भू माफिया और जमीन घोटाले को लेकर बड़ा धरना-प्रदर्शन किया, तब पहली बार वर्ष 2017 में पूर्व मंत्री को भू-माफिया के खिलाफ खडे होना पड़ा था, चंूंकि नपा अध्यक्ष श्री शिवहरे का शहर में बड़ा जनाधार और काफी संख्या में युवाओं की फौज भी धरने पर बैठी थी, मजबूरी में पूर्व मंत्री को भी विरोध करने सामने आना पड़ा।

तीसरा नाम पूर्व जिला पंचायत सदस्य देवेन्द्र तिवारी का है, युवाओं में बेहद पंसद श्री तिवारी समय समय कांग्रेस सरकार के खिलाफ मुखर होकर सामने आते है, वे खुलकर कांग्रेस का विरोध करते देखे जाते भी है, हालांकि उन्होंने कभी विधानसभा के टिकट की दावेदारी खुले मन से नही की। वहीं चौथा नाम राजवाड़े समाज से पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं वर्तमान मे भाजपा के जिला उपाध्यक्ष लक्ष्मण राजवाडे का ना देखा जा रहा है, श्री राजवाड़े पूर्व से ही संगठन की पसंद रहे है, सबसे बड़ी बात यह है कि श्री राजवाड़े शुरू से ही भाजपा से जुड़े रहे और युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष भी रह चुके है। वहीं साहू समाज से जगदीश साहू और कुबेर साहू का खुलकर सामने आ रहा है, बैकुंठपुर विधानसभा में साहु समाज की बहुल्यता को दरकिनार नहीं किया जा सकता है बीते चुनाव में साहू समाज की नाराजगी भाजपा को काफी भारी पडी थी, कुबेर साहू आरएसएस के काफी करीबी है तो उपर संगठन में जगदीश साहू की पकड भी कम नहीं है। इसलिए अगर जातिगत समीकरण को आधार बनाकर भाजपा मैदान में उतरती है तो साहू समाज इस बार विधानसभा के टिकट का दावेदार हो सकता है, दोनों उम्मीदवार इस बार अभी से मैदान में नजर आ रहे है।  
 


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