कोरिया

योग से छात्रों में नैतिकता उत्पन्न होती है- संजय गिरि
17-Jul-2022 9:11 PM
योग से छात्रों में नैतिकता उत्पन्न होती है- संजय गिरि

चिरमिरी, 17 जुलाई।  आज ऐसी शिक्षा की आवश्यकता है, जो छात्रों में नैतिकता जगा दे, यदि हम बाल्यकाल से ही बच्चों के जीवन में योग शिक्षा उतार दें तो उनके जीवन में प्रबल नैतिक गुणों का विकास होने लगता है और जिससे बच्चे अपने विद्यार्थी जीवन में सत्य, विनय, करुणा, क्षमा, स्नेह, सहानुभूति, आत्मनिर्भरता, वीरता और आत्मसंयम जैसे गुणों को  विकसित कर अपने जीवन को मूल्यवान बना सकते है और यही तो हमें योग से मिलता है।

उक्त बातें शनिवार को बस्तामुक्त दिवस के अवसर पर योग सेवक संजय गिरि नें प्राथमिक शाला कदरेवां में बच्चों को नैतिक शिक्षा व् योग शिक्षा देने के दौरान कही। इस दौरान गिरि नें छत्तीसगढ़ शासन को स्कूलों में नैतिक व् योग शिक्षा को पाठ्यक्रम में शामिल किये जाने पर धन्यवाद देते हुए कहा कि इससे स्कूलों में योग शिक्षा के द्वारा विद्यार्थियों के मन,बुद्धि व् चित्त को पुष्ट करने के साथ- साथ शारीरिक एवं नैतिक विकास पर भी बल मिल सकेगा।

बस्तामुक्त दिवस शनिवार की सुबह साढ़े सात से साढ़े आठ बजे तक श्री गिरि नें बच्चों को ओउम व् मन्त्रों के उच्चारण सिखाने से की। इसके उपरांत बाल सुलभ आसन ताड़ासन,वृक्षासन,तिर्यक ताड़ासन,पवन मुक्तासन, वज्रासन, अर्द्धपद्मासन, शशकासन, सुखासन आदि के अभ्यास के साथ प्राणायाम व् ध्यान के अभ्यास कराये तथा उनके लाभ बताये।

 इस दौरान गिरि ने बच्चों को नैतिक शिक्षा व् बच्चों के जीवन में खेलों के महत्व का ज्ञान भी दिया। और इसे अपने आचरण में उतारने का संकल्प भी दिलाया।

गिरि ने बच्चों को  शिवोहम- शिवोहम भजन का गाकर अभ्यास भी कराया।
सभी बच्चों ने बड़े ही उत्साह से अभ्यास भी किया।


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