कोरिया

जिला मुख्यालय बनाने की मांग, संघर्ष समिति आंदोलन की तैयारी में
13-Jul-2022 2:51 PM
जिला मुख्यालय बनाने की मांग, संघर्ष समिति आंदोलन की तैयारी में

कई चरणों में आंदोलन को लेकर बनाई रणनीति

बैकुंठपुर (कोरिया), 13 जुलाई। चिरमिरी जिला मुख्यालय बनाओ संघर्ष समिति चिरमिरी के अस्तित्व बचाने के लिए एक बार फिर आंदोलन की तैयारी में है। संघर्ष समिति ने राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग को 21 बिन्दुओं वाले 8640 दावा आपत्ति सौपे थे परन्तु आज तक उसकी सुनवाई नहीं हुई है, ऐसे में संघर्ष समिति ने अपने हक की लड़ाई को और तेज करने की घोषणा की है।

चिरमिरी जिला बनाओ संघर्ष समिति ने प्रेस वार्ता कर बताया कि कोरिया जिले का चिरमिरी  जिले के एकमा़त्र हिल स्टेशन के साथ ही भारतीय कोयला उद्योग में 93 वर्षों से स्थापित अब विषम परिस्थितियों के कारण सिमटता जा रहा है और समाप्त होते कोयले के भण्डार के चलते कोयला खदान ईकाईयां को बचाने के संकट से जूझ रहा है। जिससे प्रभावित होते व्यापार के साथ आर्थिक गतिविधियां की समस्या गहराते जा रहा है। चिरमिरी के अस्तित्व को बचाने की समस्या का निदान चिरमिरी में जिला मुख्यालय स्थापित होने से आबादी की स्थिरता होने के साथ मजबूत अवसरों की संभावनाएं साकार रूप ले सकती है। खनिज क्षेत्र के रूप में चिरमिरी  राज्य शासन को अरबो खरबों की राशि टैक्स व रायल्टी के रूप में दी है।

मुख्यमंत्री विधायकगण के साथ नवीन जिला मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर के लिए प्रकाशित राजप़त्र सूचना के अनुसार सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग छग को 21 बिन्दुओं वाले दावा तथा 8640 दावा नागरिकों द्वारा पूर्व में ही सौंपे गये है, जिस पर अब तक सुनवाई नहीं की गयी है। जिसके कारण चिरमिरी जिला मुख्यालय बनाओं संघर्ष समिति अस्तित्व बचाने के लिए फिर से आंदोलन की रणनीति तैयार कर रही है।
संघर्ष समिति ने बताया कि यदि चिरमिरी वासियों की मांगों पर विचार नहीं किया गया तो आगामी माह से फिर से अपनी मॉगों को लेकर आंदोलन शुरू किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि जब मुख्यमंत्री द्वारा कोरिया जिले को विभाजित कर नया जिला मनेंद्रगढ़ बनाये जाने की घोषणा की गयी थी तब चिरमिरी व भरतपुर क्षेत्र के लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया था जिसके बाद मनेंद्रगढ़ नये जिले के साथ चिरमिरी व भरतपुर का नाम जोडक़र मामले को शांत करने की कोशिश की गयी, लेकिन चिरमिरी वासियों के द्वारा नये जिले का मुख्यालय चिरमिरी क्षेत्र में स्थापित करने की मॉग केा लेकर लंबे समय तक आंदोलन किये वही कई लोगों ने चिरमिरी से रायपुर तक पैदल मार्च कर विरोध जताते हुए हक की मॉग की गयी थी।

जिला मुख्यालय बनाओं संघर्ष समिति की रूप रेखा-
बीते दिनों जिला मुख्यालय संघर्ष समिति द्वारा क्षेत्र के नागरिेकों की बडी बैठक ली गयी इसके बाद प्रेस वार्ता आयोजित की गयी जिसमें बताया गया कि एक विशेष प्रतिनिधि मण्डल विधायक डॉ विनय जायसवाल से मिलकर चिरमिरी की वास्तिविक स्थिति के बारे में राज्य शासन से मॉग एवं उठाये जाने वाले कदमों के बारे में बतायेगी। समय समय पर क्षेत्र की जनता द्वारा जनजागरण रैली निकाली जायेगी। निगम के सभी 40 वार्डो में  जनसंपर्क कर जनप्रतिनिधियों को उपेक्षा की जानकारी दी जायेगी। अगस्त माह में पुन: क्रमिक भूख हडताल व अन्य आंदोलन शुरू करेंगे। चिरमिरी के अस्तित्व बचाने के लिए जिला मुख्यालय की स्थापना अति आवश्यक है। शासन के साथ विधायक, निगम महापौर,  निगम सभापति व पार्षद स्पष्ट रूप से जनता को बताये कि  चिरिमरी में जिला मुख्यालय एवं शासकीय कार्यालयों की स्थापना के बारे में उनके प्रयास व विचार क्या है।  चिरिमरी निगम के सभी जनप्रतिनिधि सर्वसम्मति से विशेष सभा बुलाकर निगम की भूमि पर नवीन जिला  मुख्यालय के साथ कार्यालय निर्माण का प्रस्ताव पारित कराकर शासन को भेंजे तथा उनके प्रस्ताव की अनदेखी पर  स्वेच्छा से इस्तीफे  की पेशकश शासन के समक्ष करे। राज्य शासन चुनावी घोषणा में शामिल किये गये नवीन जिला का मुख्यालय चिरमिरी  साजापहाड मनेंद्रगढ मार्ग पर  बनाये जाने के वायदे को पूरा करे। पूरे चिरमिरी को आग प्रभावित होने तथा शासकीय  जमीन की कमी लेकर कुछ  जनप्रतिनिधियों व लोगों द्वारा सीएम एवं शासन प्रशासन के समक्ष भ्रम न फैलाकर वास्तिविक स्थिति बनाये रखने का प्रस्ताव रखा है। निगम चिरमिरी में शासकीय जमीन 150 एकड लगभग होती है जबकि जिला मुख्यालय  व कार्यालयों के लिए  25 एकड से अधिकतम  पचास एकड की जमीन आवश्यकता होती है। इसके अलावा समर्थन में कई मॉगो की रूप रेखा तैयार की गयी है।
 


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