कोरिया

रिकवरी के नाम पर टालमटोल, आरटीआई से मामला आया सामने
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 12 जुलाई। कोरिया जिले के स्वास्थ्य विभाग ने एक दंत चिकित्सक को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत छत्तीसगढ रूरल मेडिकल कोर योजना (सीआरएमसी) की प्रोत्साहन राशि को नियमविरूद्ध जाकर दे डाली, चार साल तक राशि दिए जाने के बाद मामले में आरटीआई के तहत जानकारी मांगी गई, उसके बाद नियमविरूद्ध राशि आबंटन पर ब्रेक तो लग गया, परन्तु राशि की रिकवरी के लिए विभाग ने अब तक कोई कदम नहीं उठाया है। उधर, केन्द्र सरकार की ओर से दी जाने वाली राशि को लेकर अन्य चिकित्सकों में भी रोष व्याप्त है, ऐसे में राशि के दुरूपयोग का बड़ा मामला सामने आया है।
इस संबंध मे सीएमएचओ डॉ रामेश्वर शर्मा का कहना है नियमों को देखकर बताता हूं, यदि गलत होगा तो रिकवरी की जाएगी। वहीं दंत चिकित्सक आरके यादव से सवाल किया गया कि क्या आपको नियमों की जानकारी थी कि आप उस राशि के दायरे में नहीं आते तो उनका कहना है कि उन्हें नियम के अनुसार ही राशि मिल रही है, फिर उनसे सवाल किया गया कि पूरे राज्य में एकमात्र आपकों राशि दी जा रही है क्या आपको रिकवरी के लिए सीएमएचओ कार्यालय से कोई पत्र मिला है, तो उन्होंने कहा कि ऐसा कोई पत्र नहीं मिला है, मिलेगा तो उसी अनुरूप कार्यवाही की जाएगी।
जानकारी के अनुसार कोरिया जिले के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला अस्पताल में पदस्थ दंत चिकित्सक डॉ आरके यादव को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत छत्तीसगढ रूरल मेडिकल कोर योजना (सीआरएमसी) की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है। जबकि जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में कई दंत चिकित्सक पदस्थ है, सिर्फ एक ही दंत चिकित्सक को अभी तक 4 वर्षो में 7 लाख 58 हजार 401 रू प्रोत्साहन राशि के रूप में दिया जा चुका है। इस राशि की मांग को लेकर राज्य भर के दंत चिकित्सकों ने तत्कालिन स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात की थी, तब ही उन्हें स्पष्ट रूप से नियमों का हवाला देकर राशि नहीं दिए जाना बताया गया था। स्वास्थ्य विभाग में और कार्यरत दंत चिकित्सकों के साथ भेदभाव कर रहा है, यदि दंत चिकित्सक दायरे में आते है तो सभी को राशि दी जानी चाहिए। ऐसे में सिर्फ कोरिया जिले के एकमात्र दंत चिकित्सक को प्रोत्साहन राशि दिया जाना सवाल खडे कर रहा है। आरटीआई के तहत मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2017 में 1 लाख 20 हजार 241, वर्ष 2018 में 73 हजार 242 ओर 128829 वर्ष 2019 में 1 लाख 15 हजार 745 और 74 हजार 17 वर्ष 2020 में 1 लाख 50 हजार 543 और 95 हजार 784 रूपए का भुगतान किया गया है, आरटीआई की मांग के बाद राशि के आबंटन पर विभाग ने ब्रेक तो लगा दिया, परन्तु आज तक रिकवरी के लिए किसी प्रकार की कोशिश नहीं की गई।