कोरिया

ध्वनि प्रदूषण से आमजन के साथ बोर्ड परीक्षाएं दे रहे छात्र भी हो रहे हैं परेशान
07-Mar-2022 3:04 PM
ध्वनि प्रदूषण से आमजन के साथ बोर्ड परीक्षाएं दे रहे छात्र भी हो रहे हैं परेशान

साईलेंसर लगाकर दौड़ रहे वाहनों पर भी नहीं हो रही है कार्रवाई

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 7 मार्च।
बोर्ड की परीक्षाएं जारी है, सडक़ों पर ध्वनि प्रदूषण करने वालों पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, साईलेंसर लगाकर बाइक दौड़ते युवा हो या गैस एजेंसी के वाहन, तेज आवाज में सडक़ों पर दौड़ते है जिससे छात्र तो परेशान है ही लोग भी काफी परेशान है। परन्तु अभी तक प्रशासन ने भी इस पर रोक को लेकर कुछ नहीं किया है।

कोरिया जिले के जिला मुख्यालय सहित सभी शहरों की सडकों पर कई बुलेट चालकों द्वारा अपने बुलट में तेज आवाज के साथ पटाखा साईलेंसर लगवाये हुए है जो शहर की सडक़ों पर तथा उन क्षेत्रों में भी जिन क्षेत्रों स्कूल संचालित है और इस दौरान बोर्ड की परीक्षा हो रही है फर्राटा भरते हुए तेज आवाज के साथ आना जाना करते है जिस पर किसी तरह की कोई रोक टोक नहीं है, जबकि बुलेट पर तेज आवाज वाले साईलेसर पर कार्यवाही करने की जरूरत है, लेकिन इस तरह के तेज आवाज वाले साईलेंसर पर कोरिया जिले में कार्यवाही नहीं हो रही हैं। जिसके कारण लगातार कई लोग बुलेट पर तेज आवाज वाले साईलेंसर लगाकर वाहन चला रहे है इसके अलावा गैस एजेंसी वाले वाहन भी जो होम डिलेवरी के लिए निकलते है वे भी तेज आवाज से गाना बजाकर चलते है जिससे कि ध्वनी प्रदूषण होता है, जबकि हल्की आवाज से भी काम चल सकता है, लेकिन ऐसा गैस एजेंसी वाहन चालक नहीं करते है। जिस पर भी कार्यवाही करने की जरूरत है। वर्तमान समय में शादी विवाह के मुहूर्त नहीं होने के कारण डीजे की आवाज सुनाई नहीं दे रही है, लेकिन तेज आवाज वाले बूलेट व गैस एजेंसी के वाहन ध्वनि प्रदूषण फैला रहे है जिस पर भी कार्यवाही की जरूरत है।

10 बजे बाद भी बज रहे है डीजे
कहने को तो रात को 10 बजे के बाद डीजे या लाउडस्पीकर बजाना कानून गलत है। मगर यह प्रतिबंध भी कागजों तक सिमट जाता है। एक दिन पूर्व मानस भवन में बजाए जा रहे डीजे को स्थानीय लोगों ने एसडीएम को बोल कर बंद करवाया। शहर ही नहीं, गांवों तक में ध्वनि प्रदूषण परेशानी का सबब बनता जा रहा है। दिन भर भागदौड़ की जिदंगी में कुछ पल सुकून सभी चाहते हैं, लेकिन उस सुकून पर शहर में बढ़ता ध्वनि प्रदूषण भारी पड़ता जा रहा है। यह ध्वनि प्रदूषण उनके स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक सिद्ध हो रहा है। जरूरतों को पूरा करने के लिए मशीनों को इस्तेमाल करते हैं। शहरों व कस्बों में रहने वाले लोग ध्वनि प्रदूषण से परेशान हैं। खासकर लाउड स्पीकर से। इसके बाद भी उन्हें ऐसे माहौल में रहना पड़ता है। जब वाहनों के हॉर्न व लोगों को शोर अधिक होता है।

तेज हॉर्न व हूटर पर लगे रोक
ध्वनि प्रदूषण वायु मंडल में बढ़ रहा है। इसके बाद भी वाहनों में तेज हॉर्न व हूटर का प्रयोग हो रहा है। सडक़ों पर फर्राटा भरने वाले वाहनों का तेज का हॉर्न बजने से लोगों को दिक्कत होती है। इसकी शिकायत भी पुलिस विभाग से कई बार लोगों ने की। इसके बाद भी इस समस्या से निजात पाने के लिए यातायात व पुलिस विभाग द्वारा ठोस कार्रवाई की गई।


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