कोरिया

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 6 मार्च। ब्रिटिश समय के वर्ष 1928 से प्रारंभ रेल के माध्यम से पूरे देश को अपने गर्भ में दबाए कोयले के ताप से इस अंचल ने जीवन दिया है। इसी ताप की शक्ति से रेल के पहियों को गति देकर राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नगर चिरमिरी और मनेंद्रगढ़ का कोयलांचल आज अपने अस्तित्व की लड़ाई लडऩे के लिए बाध्य है।
अंचल के विकास हेतु समर्पित संबोधन साहित्य एवं कला विकास संस्थान मनेंद्रगढ़ के सदस्यों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर नागपुर से चिरमिरी 17 किलोमीटर स्वीकृत नई रेल लाइन के भू अधिग्रहण संबंधी राजस्व कार्य को शीघ्र पूर्ण कर राज्य शासन को भेजने हेतु अनुरोध किया है। संबोधन विचार मंच के विभागाध्यक्ष वीरेंद्र श्रीवास्तव ने ज्ञापन में कहा कि यह रेल लाइन इस अंचल के विकास की ऐसी धुरी है, जिसके चारों ओर अंचल के निवासियों के विस्थापन का समाधान एवं महानगरों तक पहुंच और विकास का नया मार्ग प्रशस्त होगा।
संस्था उपाध्यक्ष हारून मेमन के साथ कोषाध्यक्ष प्रमोद बंसल, कार्यकारिणी सदस्य निरंजन मित्तल, वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव, सरदार हरमहेंद्र सिंह, कल्याण केसरी, नरेंद्र श्रीवास्तव एवं नरोत्तम शर्मा द्वारा सौंपे गए ज्ञापन पर जिलाधीश इसे शासन को भेजने एवं शीघ्र पूर्ण कराने का विश्वास दिलाया है।