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मई में जब आसमान से बरसेगी आग, तब स्कूल कैसे आएंगे नौनिहाल?
26-Feb-2022 8:34 PM
मई में जब आसमान से बरसेगी आग, तब स्कूल कैसे आएंगे नौनिहाल?

ग्रीष्मकालीन अवकाश में कटौती का विरोध

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 26 फरवरी।
छत्तीसगढ़ शिक्षक कांग्रेस के प्रांताध्यक्ष अनिल शुक्ला ने छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शासकीय, अनुदान प्राप्त एवं गैर अनुदान प्राप्त शालाओं में पूर्व निर्धारित ग्रीष्मावकाश 1 मई से 15 जून तक को संशोधित कर 15 मई से 15 जून तक किए जाने का विरोध करते हुए मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री से जारी आदेश को स्थागित करने की मांग की है।

श्री शुक्ला ने जारी बयान में कहा है कि छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग के अफसर जो एसी कार एवं कमरे में बैठकर शासन चला रहे हैं, उन्हें छत्तीसगढ़ की जमीनी हकीकत एवं गांव-देहात की सरकारी स्कूलों की माली हालत देखी नहीं है। उन्हें मालूम होना चाहिए कि 15 अप्रैल के बाद पूरा प्रदेश जब गर्मी से झुलसने लगता है तब अधिकांश जिलों के कलेक्टर के आदेश पर 30 अप्रैल तक सभी स्कूल सुबह की पाली में मात्र 3 से 4 घंटे के लिए ही लगते हैं तथा गिनती के 10 फीसदी से ज्यादा बच्चे स्कूल नहीं आते। मई में जब पूरे प्रदेश का तापमान 44 से 45 डिग्री हो जाएगा, तो कौन सा पालक अपने बच्चों को पैदल स्कूल भेजेगा।

प्रांताध्यक्ष ने कहा कि छत्तीसगढ़ सिविल सेवा अवकाश नियम 1977 के नियम 27 में शिक्षकों को पहले दशहरा, दीवाली, शीतकालीन तथा ग्रीष्म अवकाश कुल 90 दिन का मिलता था, इसलिए इन्हें विश्रामावकाश विभाग का कर्मचारी घोषित किया गया तथा शेष अन्य कर्मचारियों एवं अधिकारियों को नॉन वोकेशनल कर्मचारी मानते हुए उन्हें वर्ष में 30 दिन का अर्जित अवकाश दिया गया है तथा उन्हें हर माह में द्वितीय एवं तृतीय शनिवार को अवकाश मिलता है। आज वर्तमान स्थिति में 5 दिन का कार्यालय लगने के कारण कम छुट्टियों वाले कर्मचारी के सार्वजनिक अवकाश को छोडक़र वर्ष में कुल 87 दिन की छुट्टी मिल रही है, वहीं ज्यादा छुट्टी पाने वाले शिक्षक को सार्वजनिक अवकाश को छोडक़र दशहरा, दीवाली, शीतकालीन एवं ग्रीष्मकालीन की कुल छुट्टी 53 दिन की हो गई है। प्रांताध्यक्ष शुक्ला ने शासन से अब पूरे साल भर सप्ताह में 5 दिन का स्कूल लगाने की मांग करते हुए अन्य कर्मचारियों की भांति वर्ष में 30 दिन के अर्जित अवकाश की मांग की है।


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