कोरिया

साहित्यकार गिरीश पंकज का सम्मान
13-Feb-2022 4:42 PM
साहित्यकार गिरीश पंकज का सम्मान

मनेन्द्रगढ़, 13 फरवरी। संबोधन साहित्य एवं कला विकास संस्थान ने व्यंग्यकार, साहित्यकार, कवि तथा संबोधन के संस्थापक सदस्य गिरीश पंकज का सम्मान शाल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंटकर किया।
श्री राम मंदिर प्रांगण स्थित संबोधन वाचनालय में आयोजित सम्मान समारोह में स्वागत की औपचारिकताओं के उपरांत कार्यक्रम संचालक तथा संस्था सचिव नरेंद्र अरोड़ा ने मुख्य अतिथि गिरीश पंकज एवं समस्त सदस्यों का स्वागत किया।  उन्होंने कहा कि विगत 13 फरवरी 2021 को हिंदी भवन नई दिल्ली में गिरीश पंकज को व्यंगश्री का प्रतिष्ठित राष्ट्रीय सम्मान प्रदाय किया गया, आज भी 13 फरवरी है, संबोधन के सभी सदस्य आज अपने संस्थापक सदस्य का सम्मान कर अभिभूत हैं।

संस्था सदस्य उपकार शर्मा की गजल न किसी की आंख का नूर हूं न किसी के दिल का करार हूं की दिलकश प्रस्तुति ने समा बांध दिया। संस्था के वरिष्ठ तथा संस्थापक सदस्य जगदीश पाठक ने श्री पंकज के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला।  वरिष्ठ साहित्यकार सतीश उपाध्याय ने रोचक संस्करणों के माध्यम से गिरीश पंकज का परिचय देते हुए कहा कि कि वे बेबाकी और अन्याय के विरुद्ध सशक्त एवं बुलंद आवाज हैं।

संतोष जैन ने पंकज की अविरल साहित्य प्रवाह की सारगर्भित जानकारी दी। संस्था अध्यक्ष विनोद तिवारी ने गिरीश पंकज को संबोधन साहित्य एवं कला विकास संस्थान की आजीवन मानद सदस्य बनाए जाने की घोषणा की।  नारायण तिवारी, अरविंद वैश्य, मृत्युंजय सोनी एवं अन्य वक्ताओं ने भी पंकज के सम्मान में अपनी बात रखी। संस्था सचिव संजय ताम्रकार ने संस्था के संस्थापक सदस्य गिरीश पंकज के प्रति आभार व्यक्त किया।


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