कोरिया

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर,(कोरिया), 11 फरवरी। नगर पालिका परिषद की पहली बैठक काफी हंगामेदार रही, एक ओर परिषद के एजेन्डा में नियम विरूद्ध दुकानों की बातें नहीं रखने की बात सोशल मीडिया में सामने आने के बाद अलग से चर्चा तो की गई, भाजपा के सभी पार्षदों ने अपनी आपत्ति दर्ज की, परंतु कांग्रेस ने चुप्पी साधे रखी, वहीं एमएलए नगर को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने पर डेढ़ घंटे से ज्यादा समय तक काफी हंगामा हुआ। बाद में यह तय हुआ कि बिल्डर को जुर्माना पटाने का समय देकर एमएलए नगर को मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जाए, हलांकि प्रस्ताव पर किसी ने हस्ताक्षर नहीं किए।
गुरूवार को नगर पालिका परिषद की पहली बैठक हुई। बैठक के पूर्व सोशल मीडिया पर यह बात सामने आई कि जिस विवादित मुद्दे पर शहर में घमासान मचा हुआ है, उस मुद्दे को परिषद की बैठक के एजेन्डा में ही शामिल नहीं किया गया, जिसके बाद बैठक शुरू होते ही नियम विरूद्ध दुकानों के आबंटन के मामले को अलग से शामिल किया गया, जिस पर भाजपा के सभी पार्षदों ने विरोध किया, और दुकानों के नियमविरूद्ध आबंटन के खिलाफ हस्ताक्षर भी किए, परन्तु कांग्रेस के किसी भी पार्षद ने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए। दरअसल, शहर के पुराने बस स्टैंड स्थित जर्जर हो चुके प्रतीक्षालय को गिराकर उस स्थल पर लाखों की लागत से डबल स्टोरी व्यावसायिक काम्प्लेक्स का निर्माण कराया जा रहा है। अधुरे निर्माण के बीच दुकानों की नीलामी प्रकिया पूरी की गयी। जिनमें से नीलामी की गयी दुकानों की निर्धारित राशि 24 घंटे में अंदर नहीं गयी तो अमानत राशि जब्त कर ली गयी और दुकानों का नीलामी निरस्त कर दी गयी।
इसी बीच गत दिवस यह खबर सामने आयी कि नगर पालिका द्वारा निरस्त की गयी दो दुकानों केा नियम विरूद्ध तरीके से चहेते लोगों को मामूली कीमत पर आबंटित कर दी गयी। शहर के लोगों को लगी तो नियम विरूद्ध तरीके से आबंटित की गयी दुकानों के आबंटन को निरस्त करने की मांग को लेकर कलेक्टर कोरिया को ज्ञापन सौंपा गया। इस मामले में अभी तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गयी।
प्रस्ताव के बिना आबंटन नियम विरूद्ध
सूत्र बताते है कि नगर पालिका द्वारा किसी भी दुकान का आबंटन बिना परिषद की सहमति से आबंटित नहीं कर सकता, यदि बिना परिषद की सहमति लिए नपा द्वारा दुकान का आबंटन किया जाता है तो वह नियम विरूद्ध है। इस मामले में नपा द्वारा निर्धारित नियमों का पालन किये बिना ही आबंटन प्रक्रिया पूरी की है, जिसे निरस्त करने की मांग की जा रही है। उल्लेखनीय है कि उक्त स्थान के दुकानों की नीलामी में लाखों की बोली प्रत्येक दुकानों के लिए लगी थी। 30 लाख से 70 लाख पार तक की बोली लोगों द्वारा लगायी गयी थी, लेकिन नपा द्वारा जिन दो दुकानों का आबंटन किया गया, वह मात्र 15 लाख में कर दी।
एमएलए नगर को मिलेगी मूलभूत सुविधाएं परिषद की बैठक में करीब डेढ़ एमएलए नगर में मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने को लेकर बहस चली, 20 में 18 पार्षद एकमत होकर सुविधाएं देने को तैयार थे, वहीं नागरिक एकता मंच के अध्यक्ष और पार्षद संजय जायसवाल का कहना था कि बिल्डर से जुर्माना की रकम ली जाए, और 2022 तक वहां के निवासियों से ना लेकर बिल्डर से टैक्स लिया जाए, क्योंकि यदि आम आदमी को बिना टैक्स पटाए नगर पालिका कोई भी सुविधा प्रदान नहीं करती है।
ऐसे में बिल्डर को रियायत क्यों। उनका कहना था कि एमएलए नगर का बिजली बिल बकाया भुगतान को लेकर कोई रियायत नहीं दी जानी चाहिए, क्योकि जिस बिल्डर द्वारा एमएलए नगर विकसित किया गया है, उनके पास पैसो की कमी नहीं हैं, ऐसे में कड़ाई के साथ बकाया बिजली बिल की वसूली की जाये। उन्होंने यह भी कहा कि मामला न्यायालय में है। ऐसे में परिषद की बैठक में जो भी पार्षद इस निर्णय के शामिल होगे, कोर्ट की आवमानना में यह मामला आ जाएगा।