कोरिया

एलबी संवर्ग शिक्षकों की पदोन्नति को लेकर नीति स्पष्ट नहीं
23-Jan-2022 3:41 PM
एलबी संवर्ग शिक्षकों की पदोन्नति को लेकर नीति स्पष्ट नहीं

पदोन्नति के लिए शीघ्र जारी हो नियमावली-संघ

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 23 जनवरी।
छत्तीसगढ़ शिक्षक महासंघ के प्रांतीय प्रवक्ता सच्चिदानंद साहू ने एलबी संवर्ग शिक्षकों की पदोन्नति पर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि शिक्षा विभाग के द्वारा सहायक शिक्षक एलबी एवं शिक्षक एलबी की पदोन्नति का हम स्वागत करते हैं।

लंबे समय के पश्चात प्रधान पाठक प्राथमिक शाला एवं माध्यमिक शाला के रिक्त पदों पर पदोन्नति होने से शैक्षणिक स्तर में सुधार होगा, किंतु सभी एलबी संवर्ग शिक्षकों को लाभ मिलना संभव नहीं है, ऐसे में बहुत से एलबी संवर्ग शिक्षक जो 10 वर्षों से अधिक निरंतर सेवा दे चुके हैं, वे लाभ से वंचित रह जाएंगे और उनकी वेतन विसंगति का निवारण भी नहीं हो पाएगा।

ऐसे सभी एलबी संवर्ग शिक्षकों को क्रमोन्नत वेतनमान दिया जाना चाहिए जिससे उनकी भी वेतन विसंगति दूर हो सकें। आगे श्री साहू ने कहा कि पदोन्नति को लेकर सरकार की समन्वित नीति का अभाव दृष्टिगोचर हो रहा है और सरकार की नीति भी स्पष्ट नहीं है। 20 वर्षों की शिक्षकीय सेवा को शून्य घोषित करना सरासर अन्याय है। वहीं टाइम रिलेक्सेसन से  व्याख्याता एलबी को अलग रखना समझ से परे एवं विभेदकारी है। 1998 एवं उसके पश्चात नियुक्त एलबी व्याख्याताओं को पदोन्नति क्रमोन्नति से वंचित रखना सरकार की नीति पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहा है। क्योंकि एलबी व्याख्याताओं को लगभग 22- 23 वर्षों की एक ही पद पर निरंतर सेवा के उपरांत भी कोई लाभ प्राप्त नहीं हुआ है। ऐसी स्थिति में न्याय एवम समानता के लिए यह आवश्यक है कि प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा की गणना करते हुए पदोन्नति से वंचित सभी एलबी संवर्ग शिक्षकों को क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ दिया जाए और वरीयता क्रम में पात्र एलबी व्याख्याताओ को भी प्राचार्य पद पर पदोन्नतिध् क्रमोन्नति दिया जाए। श्री साहू ने बताया कि पूर्व में शिक्षाकर्मी, शिक्षागारंटी, संविदा शिक्षक, पंचायत शिक्षक आदि के रूप में कई बार पदनाम में परिवर्तन हुए हैं और हर बार पुरानी सेवा को दरकिनार कर दिया गया है। ऐसे में एलबी संवर्ग के शिक्षक कभी भी पूरे सेवा काल के दौरान ग्रेजयूटी, समयमान वेतनमान की श्रेणी में नहीं आ पाएंगे। ऐसी नीतियां शिक्षकों के हित में कदापि नहीं है प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा की गणना न होने पर एलबी संवर्ग के शिक्षक विसंगति पूर्ण नियमों में उलझे रह जाएंगे। अत: स्पष्ट रुप से प्रथम नियुक्ति तिथि के आधार के आधार पर 10 वर्षों की सेवा पर प्रथम क्रमोन्नत वेतनमान एवं 20 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले एलबी संवर्ग शिक्षकों को द्वितीय क्रमोन्नति प्रदान किया जाए।

उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के हाई स्कूल एवं हायर सेकंडरी स्कूलों में प्राचार्य के हजारों पद रिक्त है स एलबी व्याख्याताओ से प्रभारी प्राचार्य के रूप में सेवा ली जा रही है किंतु उन्हें पदोन्नति से वंचित रखा जा रहा है। एलबी व्याख्याता सरकार द्वारा छले जा रहे  हैं। पदोन्नति क्रमोन्नति की बाट जोहते हजारों एलबी व्याख्याता सेवानिवृत्ति के कगार पर पहुंच चुके हैं लेकिन सरकार की भेदभाव पूर्ण नीति के कारण दशकों के बाद भी अपने अधिकार एवं सम्मान से वंचित हैं।
सरकार के सौतेले व्यवहार से एलबी व्याख्याताओ में गहरा रोष है। उन्होंने एलबी व्याख्याताओं की आवाज को बुलंद करते हुए वन टाइम रिलेक्सेसन के तहत प्राचार्य पर पदोन्नति हेतु अविलंब नियमावली जारी करने की मांग की है, जिससे शैक्षणिक व्यवस्था में गतिरोध उत्पन्न न हो। छत्तीसगढ़ राज्य के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता रोके जाने पर गहरी नाराजगी प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि जिन राज्यों की वित्तीय स्थिति छत्तीसगढ़ से भी कमजोर है वे भी अपने कर्मचारियों को केंद्र के समान महंगाई भत्ता दे चुके हैं लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार लगातार अपने कर्मचारियों की उपेक्षा करते हुए जायज मांगों को अनसुना कर रही है जो कि अनुचित है अत: लंबित 14 प्रतिशत मंहगाई भत्ता शीघ्र जारी करने की मांग की है।

एलबी सहायक शिक्षकों के आंदोलन अवधि का वेतन विलंबित करने को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए श्री साहू ने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करने का अधिकार सभी को है। पहले भी कई आंदोलन हुए हैं लेकिन कभी ही इस तरह वेतन नहीं काटा गया। जब मुख्यमंत्री  के आश्वासन पर आंदोलन समाप्त हुआ तब वेतन रोकना गलत है।
 


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