कोरिया

देर रात तक चली बैठक, कांग्रेस जिलाध्यक्ष को कोसा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 3 जनवरी। बैकुंठपुर नगरीय निकाय में मिली हार के बाद जहां कांग्रेस बैकफुट पर है, तो भाजपा में काफी उत्साह देखा जा रहा है। भाजपा कार्यकर्ता जीत के बाद जमकर आतिशबाजी के साथ रंग-गुलाल से सराबोर देखे गए। दूसरी ओर कांग्रेस ने बैलेट पेपर पर लगाए गए चिन्ह का विरोध भी किया। वहीं चुनाव के दौरान सिर्फ भाजपा में ही अंदरखाने लड़ाई नहीं थी बल्कि कांग्रेस में एक-दूसरे को हराने की होड़ मची हुई थी।
शनिवार को भाजपा को मिली अप्रत्याशित जीत के बाद कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल देखा गया, देर शाम तक कई स्थानों पर आतिशबाजी के साथ जमकर रंग-गुलाल लगाकर एक-दूसरे को बधाई दी गई।
नवनिर्वाचित अध्यक्ष नविता शिवहरे की जीत को लेकर भव्य विजयी जुलूस निकाला गया, वहीं देर रात तक प्रेमाबाग मंदिर में रामायण का पाठ किया गया। भाजपा को मिली जीत के बाद कांग्रेस का गणित पूरी तरह से फेल हो गया। कांग्रेस के दो पार्षदों ने खुलकर कांग्रेस का विरोध किया। जिसके बाद कांग्रेस ने फौरन कार्रवाई कर उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया।
कलेक्टर के सामने विरोध
हार के बाद कांग्रेस ने भाजपा के पक्ष में डाले एक वोट को लेकर कलेक्टर के सामने विरोध किया, दरअसल, वोट डालने को लेकर जो नियम चुनाव आयोग ने तय किए थे, उसमें जिन्हें आप वोट करे, उस पर क्रास का चिन्ह लगाना था, जबकि एक पार्षद ने सही का निशान बना कर वोट डाला, उस समय मौके पर इसका ख्याल चुनाव करा रहे अधिकारियों ने भी नहीं रखा और पार्षदों ने भी ध्यान नहीं दिया, जिसके कारण दोनों ओर 10-10 वोट मिले और मामला टाई में आ गया। इसे लेकर कांग्रेस के पार्षद कलेक्टर कार्यालय गए, जहां उन्हें निराशा हाथ लगी।
डबरीपारा में चली बैठक
निष्कासित किए गए पार्षदों को लेकर देर रात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुख्तार अहमद के नेतृत्व में डबरीपारा काफी संख्या में समाज के लोग एकत्रित हुए, जिसके मुख्तार अहमद ने कहा कि अब मुस्लिम कांग्रेस से खासे नाराज हंै। कांग्रेस के जिला अध्यक्ष नजीर अजहर ने समाज के साथ धोखा किया है।
मौके पर मौजूद कई लोगों ने अपने विचार रखे। सबने एक मत में नपा अध्यक्ष के लिए आफताब अहमद की कांग्रेस के प्रति निष्ठा के बाद ऐसा धोखा दिए जाने के लिए कांग्रेस के प्रति नाराजगी व्यक्त की। इस दौरान पूरी बैठक को फेसबुक लाइव भी चलाया गया।
रायपुर से तय हुआ था नाम
शनिवार को कांग्रेस के पास बहुमत होते हुए भाजपा से हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद कांग्रेस में ठेकेदार अशोक जायसवाल की पत्नी साधना जायसवाल को अध्यक्ष के लिए उम्मीदवार बनाए जाने को सवाल खड़े होने लगे।
कांग्रेस के सूत्रों की माने तो अध्यक्ष पद के लिए रायपुर से ही नाम तय किया गया था, जिसके कारण इस तरह की स्थिति निर्मित हुई, यदि कांग्रेस पूर्व नपा अध्यक्ष ठेकेदार अशोक जायसवाल के अलावा किसी और के नाम पर मुहर लगाती तो निश्चित ही कांग्रेस का लाभ होता।
उपहार पर बवाल
कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई पहली बार सबके सामने आई और कांग्रेस के निष्कासित नेता आफताब अहमद ने कांग्रेस का खुलकर विरोध किया, वहीं हुए चुनाव में कांग्रेस के एक मंत्री का उपहार किसी बिल्डर के घर से बांटने को लेकर बवाल मचा हुआ है। यहां पार्षदों को एक कांग्रेसी नेता के मोबाइल फोन से कॉल करके बुलाकर उपहार दिया गया, जिन्हें उपहार मिला, उसे अब तक लगभग पार्षद उम्मीदवार और पार्षदों ने संभाल कर रखा है तो कुछ ने कॉल रिकार्ड कर कांग्रेस के आला नेताओं को सुनवाया है। कांग्रेस में कांग्रेस का निपटाने के खेल में ऐसे नेताओं के खिलाफ कार्रवाई को लेकर मंथन चल रहा है।
अब जाएंगे किधर?
बैकुंठपुर नगर पालिका का वार्ड 10 और 11 में कांग्रेस के दिग्गज नेता आफताब अहमद का सामाजिक वर्चस्व है, जिन्हें कांग्रेस ने निष्कासित कर दिया, वो अब किधर जाएंगे, यह अभी बड़ा सवाल बना हुआ है। परिवार से तीन बार के पार्षद श्री अहमद अपने समर्थकों को लेकर भाजपा में जाते हंै, या गोंडवाना गणतंत्र पार्टी या समाजवादी पार्टी अभी यह कह पाना काफी मुश्किल है, यह तय है कि कांग्रेस में जाने के उन्होंने अपने रास्ते बंद कर दिए है। शनिवार को उन्होंने कांग्रेस को गद्दार तक कह डाला। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें अध्यक्ष पद का प्रत्याशी बनाया जाता तो निर्विरोध चुनाव होता।