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संबोधन के कलाकारों ने गीत-गजलों से किया नव वर्ष का स्वागत
01-Jan-2022 5:13 PM
संबोधन के कलाकारों ने गीत-गजलों से किया नव वर्ष का स्वागत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 1 जनवरी।
संबोधन के साहित्यकारों एवं कलाकारों द्वारा गीत-गजलों के संग नए वर्ष 2022 के स्वागत में एक पन्ना और जोडऩे की कोशिश की गई। अलाव की गर्मी और सुरों की महफिल के साथ गीत-गजल की प्रस्तुति ने नए वर्ष के आगमन को वीणा के तारों की तरह छेड़ दिया,  जिसने उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

संबोधन साहित्य एवं कला विकास संस्थान मनेंद्रगढ़ के इस आयोजन में संचालक गौरव अग्रवाल ने पिछले वर्षों की मार झेल रहे मानव जाति को इस महामारी से उबारने के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हुए हे राम-हे राम की पंक्तियों के साथ सरदार हरमहेंद्र सिंह को आमंत्रित किया, जिन्होंने अपने गीतों के साथ उपस्थित श्रोताओं को भक्ति के स्वर मिलाने के लिए बाध्य कर दिया। ॉअंचल के कलाकारों में नरोत्तम शर्मा के हम जिसे गुनगुना नहीं सकते वक्त ने ऐसा गीत क्यों गाया गीत प्रस्तुति ने बीते वर्षों में हमसे बिछड़े साथियों को याद किया और प्रस्तुति से समा बांध दिया।

गायक गौतम शर्मा के साथ मनजीत सिंह के गीत एवं सतीश द्विवेदी द्वारा प्रस्तुत तारों से सजके अपने साजन से धरती चली मिलने गीत के द्वारा नए वर्ष का स्वागत किया गया। प्रतिभावान कलाकारों और साहित्यकारों को मंच देने के इस प्रयास में संबोधन द्वारा कुछ नए कलाकारों को अपनी प्रस्तुति के लिए आमंत्रित किया गया जिसमें शामिल यशोदा, राकेश कश्यप एवं उपयंत्री अशोक कुमार रवि की प्रस्तुतियों ने कला के क्षेत्र में नए क्षितिज का आभास दिया।

कार्यक्रम में उपस्थित बीरेंद्र श्रीवास्तव, अनिल जैन, कल्याण केसरी, नरेंद्र श्रीवास्तव, सरदार हरमहेंद्र सिंह, नरोत्तम शर्मा, सतीश द्विवेदी, अरविंद श्रीवास्तव सहित स्थानीय नागरिकों एवं कला प्रेमियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को ऊंचाईयां दी।
 


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