कोरिया

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 11 अक्टूबर। कोरिया जिले के कई सरकारी विद्यालय शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। शिक्षक भर्ती के बावजूद जिले के कई विद्यालयों में शिक्षकों की कमी बनी हुई है। सरकारी विद्यालयों में प्राथमिक से लेकर हायर सेकेण्डरी विद्यालयों तक में शिक्षकों के कमी के बीच में पठन पाठन का कार्य किया जा रहा है।
कोरोना काल में बीते वर्ष का सत्र पूरा बीत गया और सभी छात्र अगली कक्षा में पहुंच गये। जिसके बाद अब नये सत्र में पढ़ाई पर पूरा जोर दिया जा रहा है। लेकिन शिक्षकों की कमी इसमें प्रमुख रूप से बाधक बन रही है। कोरोना संक्रमण के कारण लंबे समय तक स्कूल बंद रहे और जब खुले तो विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति भी कम है वहीं सरकार ने 50 प्रतिशत ही प्रतिदिन उपस्थिति के निर्देश दिये है अर्थात एक दिन के अंतराल में ही विद्यार्थियों का्ेआना है। इस तरह बच्चे नियमित रूप से विद्यालय भी नहीं पहुंच रहे है और शिक्षकों के अभाव में पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।
कहीं एक तो कहीं दो ही शिक्षकों के भरोसे स्कूल
शिक्षकों के कमी का आलम यह है कि कई प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक स्कूलों में एक तो कही दो ही शिक्षकों के भरोसे अध्यापन कार्य की जिम्मेदारी है। ऐेसे में शिखकों के समक्ष कई तरह की चुनौतियां भी सामने आ रही हैं। जानकारी के अनुसार जहां एकल शिक्षक प्राथमिक व मीडिल स्कूलों में वहॉ पर एक मात्र शिक्षक विभागीय जानकारी तैयार करने में ज्यादातर समय बीता देते है। उच्च कार्यालय के आदेश के पालन में आये दिन डाक बनाने की तैयारी में रहते है इसी तरह जिस प्राथमिक व मीडिल स्कूल में दो शिक्षक है वहां एक शिक्षक आये दिन विभिन्न तरह की जानकारी ही तैयार करने में जुटे दिखाई देते हैं। इस तरह शिक्षकों की कमी से प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक स्कूलों के विद्यार्थियों की पढाई चौपट हो रही है।
विषयवार शिक्षकों की भी कमी
जिले में संचालित अधिकांश स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। मीडिल स्कूल से ही देखा जाये तो जिले में कई मीडिल स्कूल ऐसे है जहां दो या तीन शिक्षक है वहां दोनों या तीनों कला संकाय के ही है जिनके सहारे विज्ञान गणित की पढाई हो रही है ऐसे में समझा जा सकता है कि विषयवार शिक्षक नहीं होने के कारण पढाई किस तरह से चल रही है जबकि मीडिल स्कूल में एक हेड मास्टर के अलावा कला व विज्ञान विषय के एक एक शिक्षक होना अनिवार्य है।
हाई व हा.से. का भी यही हाल
कोरिया में प्राथमिक से लेकर हायर सेकेण्डरी स्तर तक के विद्यालयों को शिक्षकों की कमी जूझ रहे है।
हाई व हायर सेकेण्डरी स्कूलों में भी विषयवार शिक्षकों की कमी बरकरार है। किसी तरह पढाई संचालित की जा रही है। जिसके कारण जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के हाई व हायर सेकेण्ड्ररी के विद्यार्थियों का भविष्य विषय विशेषज्ञ शिक्षकों के अभाव में पढाई किसी तरह से हो रही है। ऐसी स्थिति में विद्यार्थियों को खुद ही कई विषयों को पढकर अपनी नैया पार करने की जरूरत है। शहरी क्षेत्रों में स्थिति अच्छी है शहरी क्षेत्र के हायर सेकेण्डरी स्कूलों में सभी विषयों के शिक्षक है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसा नही है। शहरी क्षेत्रों में छात्र ट्यूशन का भी सहारा लेते है लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के छात्र अपने बलबूते पर ही पढ़ाई करने को मजबूर है।