कोण्डागांव

पॉक्सो एक्ट की सभी को जानकारी होना जरूरी -अंजली सिंह
16-Jun-2024 9:16 PM
पॉक्सो एक्ट की सभी को जानकारी होना जरूरी -अंजली सिंह

सीएचसी में विधिक शिविर, दी कई जानकारी

कोण्डागांव, 16 जून। शनिवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र विश्रामपुरी में तालुका विधिक सेवा समिति केशकाल के द्वारा शिविर आयोजित कर कई जानकारी दी।

तालुका विधिक सेवा समिति अध्यक्ष/न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी व्यवहार न्यायालय केशकाल अंजली सिंह ने मितानिन/आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं स्वास्थ्य अधिकारी, कर्मचारियों को बताया कि  पॉक्सो एक्ट की आप सभी को जानकारी होना जरूरी है। क्योंकि आजकल आये दिन पॉक्सो के मामले बहुत बढ़ रहे हैं।  पॉक्सो एक्ट को  बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम भी कहा जाता है। 

आगे कहा कि इस कानून को 2012 में लाया गया था। इसके लाने की सबसे बड़ी वजह यही थी कि इससे नाबालिग बच्चियों को यौन उत्पीडऩ के मामलों में संरक्षण दिया जा सके। हालांकि ये कानून ऐसे लडक़े और लड़कियों दोनों पर लागू होता है। जिनकी उम्र 18 वर्ष से कम है अगर कोई लडक़ी किसी के साथ रिलेशन में रहती है और कहती है कि मैं अपने मर्जी से गई थी और मेरी मर्जी से रिलेशन में हूं, लेकिन नाबालिग होने के कारण न्यायालय  सहमति नहीं मानता और लडक़ा को बाल सुधार गृह भेजा जाता है।  यदि लडक़ा का उम्र 19 या 20 से अधिक है तो जेल भेज दिया जाता है। अपराध के अनुसार 14 वर्ष से आजीवन कारावास या मृत्यु दण्ड की प्रवधान है।    

मोटरयान अधिनियम के बारे में टिप्पणी करते हुए बताया कि वाहन चलाने के लिए सबसे जरुरी  18 वर्ष से अधिक  उम्र का होना,लाइसेंस,आरसी बुक और बीमा का होना अति आवश्यक है ताकी भविष्य में कुछ दुर्घटना हो तो आपको सुविधा हो ।अगर आप वाहन किसी के हाथ में दे देते है और उनका लाइसेंस नहीं है और उनकी सडक़ दुर्घटना होती है तो जो वाहन के मालिक है उनके उपर कार्रवाई होती है और बताया गया कि जब भी वाहन की खरीदी एवं बिक्री करते है तो तुरंत ही मालिकाना नाम स्थानांतरण करवाना चाहिए, न्यायालय में अधिकतर मामले ऐसे देखने को मिलते है कि वाहन मालिक किसी थर्ड पार्टी को वाहन तो बेच देता है लेकिन नाम स्थानांतरण नहीं करता है और थर्ड पार्टी की कहीं वाहन दुर्घटना हो जाता है या वाहन में किसी भी प्रकार का गैरकानुनी काम करता है तो थर्ड पार्टी के साथ साथ सेंकड पार्टी की भी कार्रवाई होती है।

गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम, 1994 के अन्तर्गत गर्भाधारण पूर्व या बाद लिंग चयन और जन्म से पहले कन्या भ्रूण हत्या के लिए लिंग परीक्षण करना, इसके लिए सहयोग देना व विज्ञापन करना कानूनी अपराध है, जिसमें 3 से 5 वर्ष तक की जेल व 10 हजार से 1 लाख रू.  तक  का जुर्माना  वा लाइसेंस रद्द हो  सकता है। 

 रिटेनर अधिवक्ता मनीषा तिवारी व्यवहार न्यायालय केशकाल ने बताया कि  बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 जिसमें 18 वर्ष से कम उम्र के लडक़ी एवं 21 वर्ष से कम उम्र के लडक़े का विवाह करना कानूनन अपराध है। अगर इस मामले में कोई भी गांव के व्यक्ति बाल विवाह में मदद करता है तो इसके विरुद्ध भी कार्यवाही की जायेगी। अगर कहीं बाल विवाह होता है तो उसकी सूचना तत्काल थाना में देना चाहिए। घरेलू हिंसा महिलाओं के साथ मुख्य रूप से तीन प्रकार से होता है । शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक शोषण। महिलाओं के जीवन, अंग, स्वास्थ्य, सुरक्षा अथवा कुशलता को नुकसान पहुंचाना अथवा खतरे में डालना। महिला या उससे सम्बन्धित किसी व्यक्ति को दहेज या अन्य मांग पूर्ति के लिए दबाव बनाने की मंशा से महिलाओं को तंग करना । शारीरिक दुव्र्यवहार से किसी भी प्रकार का हमला, अपराधिक धमकी तथा अपराधिक रुप से बल का प्रयोग शामिल होता है। कोई भी महिला जिसके साथ प्रतिवादी द्वारा घरेलू हिंसा की जा रही हो या उसकी ओर से कोई भी व्यक्ति शिकायत दर्ज कर सकता है ।महिलाओं के सुरक्षा के लिए छत्तीसगढ़ राज्य सरकार पुलिस सहायता अभिव्यक्ति एप्लिकेशन  से संबंधित जानकारी देते हुए बताया कि अगर आप किसी मुसीबत में पड़ जाते हैं तो तत्काल अभिव्यक्ति एप्लिकेशन पर सन्देश या सम्पर्क करके पुलिस सहायता प्राप्त कर सकते हैं।  

साइबर क्राईम के बारे में बताया गया कि किसी भी प्रकार का सोसल मीडिया कम्प्यूटर मोबाइल, इन्टरनेट के माध्यम से होने वाला अपराध ,धोखाधड़ी जैसे बैंक खाता से पैसा निकालना ,लाटरी का झांसा देना इस प्रकार कि जानकारी विस्तार से जानकारी दी गई और सावधानी बरतनी चाहिए।

 विकास खण्ड चिकित्सा अधिकारी  डॉ. सुनील कुमार कश्यप के विशेष सहयोग से शिविर कार्यक्रम सफल हुआ। जिसमें ग्राम पंचायत सरपंच पुष्पालता चांदेकर , पीएलवी अनिल कुमार मंडावी प्रबंध कार्यलय केशकाल, पीएलवी अमृत नरेटी थाना केशकाल, पीएलवी लैला मरकाम उपस्थित रहे।


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