कवर्धा

मेडिकल फर्जीवाड़ा, फोरेंसिक एक्सपर्ट करेंगे जांच
05-Jul-2025 7:44 PM
मेडिकल फर्जीवाड़ा, फोरेंसिक एक्सपर्ट करेंगे जांच

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

कवर्धा, 5 जुलाई। जिला अस्पताल कवर्धा में घटित बहुचर्चित मेडिकल फर्जीवाड़ा मामले में नेत्र सहायक अधिकारी मनीष जॉय की शिकायत पर पुलिस थाना कवर्धा में एफआईआर पंजीबद्ध है। उक्त एफआईआर में सीएमएचओ ने डॉ. प्रभात चन्द्र प्रभाकर और दीपक सिंह ठाकुर की अन्यत्र ट्रांसफर की उचित कार्रवाई करने की जानकारी दी है। जिसमें डॉ. प्रभाकर को जिला अस्पताल कवर्धा से पेंड्रा सीएमएचओ बनाया गया था। तीन माह बाद पद से हटाकर मुंगेली वर्तमान में चिकित्सा अधिकारी बनाया गया था।

प्राप्त जानकारी के अनुसार  आरक्षकों के सर्टिफिकेट में फर्जी लिखावट और हस्ताक्षर की जांच के लिए कवर्धा पुलिस ने मामले के संदेहियों के हैंडराइटिंग और हस्ताक्षर का नमूना  फोरेंसिक एक्सस्पर्ट को भेजी है।

मामले में स्वास्थ्य विभाग की प्रारंभिक जांच में बोर्ड के लिपिक दीपक सिंह ठाकुर को दोषी ठहराया गया। स्वास्थ्य संचालक ने दीपक सिंह ठाकुर को निलंबित करके विभागीय जांच करने और पुलिस थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने आदेश दिया है। सीएमएचओ ने दीपक सिंह ठाकुर को निलंबित करके विभागीय जांच संस्थित किया है। सीएमएचओ ने एफआईआर दर्ज कराने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की है।

जाने क्या है मामला

जिला अस्पताल के मेडिकल बोर्ड से पुलिस विभाग के कलर ब्लाइंड से अनफिट बर्खास्त दो नव आरक्षकों को, झूठी नेत्र जांच कलर विजन नार्मल रिपोर्ट लिखकर नेत्र सहायक अधिकारी मनीष जॉय का फर्जी हस्ताक्षर करके फिट मेडिकल सर्टिफिकेट दिया गया है।

निलम्बन से बहाली और विभागीय जांच अब हाईकोर्ट के अधीन

दीपक सिंह ठाकुर  ने अपने निलम्बन और विभागीय जांच को खारिज करने उच्च न्यायालय में याचिका दायर किया है। उच्च न्यायालय ने निलम्बन या बहाली के लिए कोई निर्णय नहीं दिया है। विभागीय जांच में स्थगन आदेश दिया है। ऐसे में दीपक सिह ठाकुर को अपनी सेवा बहाली के लिए न्यायालय के निर्णय का इंतजार है।

बहरहाल, फोरेंसिक एक्सस्पर्ट से रिपोर्ट आने के बाद मामले की वास्तविक दोषी का पता चल जाएगा। और न्यायालय की कार्रवाई शुरू हो जाएगी।


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