जशपुर

शिवमहापुराण कथा शुरू, कुनकुरी से मयाली तक निकाली कलश यात्रा
21-Mar-2025 6:06 PM
शिवमहापुराण कथा शुरू, कुनकुरी से मयाली तक निकाली कलश यात्रा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

जशपुरनगर, 21 मार्च। जशपुर जिले के मयाली स्थित प्रसिद्ध प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर महादेव के पास भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है। महाशिवपुराण कथा के आयोजन ने इस पवित्र स्थल को और अधिक दिव्यता से भर दिया है। 21 से 27 मार्च तक आयोजित होने वाली शिव महापुराण कथा का आयोजन में श्रद्धालुओं एवं जनमानस की सुरक्षा हेतु सभी का इंतेज़ाम किये गए हैं। जिसके तहत जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन द्वारा लोगों की सुविधा के लिए कंट्रोल रूम नम्बर जारी किए गए हैं। साथ ही 3 कंट्रोल रूम स्थापित किये गए हैं। जिसमें कंट्रोल रूम कुनकुरी 24 घंटे सेवा में उपलब्ध रहेगा।

जिसका दूरभाष नम्बर 07764296765 है। वहीं कंट्रोल रूम पुलिस लाइन जशपुरनगर प्रात: 6 बजे से सांय 6 बजे तक सेवा में रहेंगे। जिसका दूरभाष नम्बर 9479193699 है। एक कंट्रोल रूम मयाली में शिव महापुराण कथा पंडाल स्थल के निकट बनाया गया है। जहां प्रात: 6 बजे से सांय 6 बजे तक सेवाएं उपलब्ध रहेंगी। तीनों कंट्रोल रूम कार्यक्रम समाप्ति तक कार्यरत रहेंगे, इसके लिए अधिकारियों कर्मचारियों की ड्यूटी भी कंट्रोल रूम में लगाई गई है।

कलश यात्रा में उमड़ा भक्तों का जनसैलाब

शुक्रवार को कथा के प्रारंभ से पहले कुनकुरी के बेलजोरा नदी से लेकर मयाली कथा स्थल तक भव्य कलश यात्रा निकाली गई। ग्यारह हजार महिलाएं सिर पर कलश रखकर हर-हर महादेव के जयकारों के साथ आगे बढ़ीं। पूरा वातावरण शिवमय हो गया। इस पवित्र यात्रा में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पत्नी कौशल्या साय भी शामिल हुईं।

 

पं. प्रदीप मिश्रा सुनाएंगे महाशिवपुराण

21 मार्च से 27 मार्च तक प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा महाशिवपुराण कथा का वाचन किया जाएगा। जैसे ही कथा का शुभारंभ हुआ, मयाली का पूरा क्षेत्र ‘हर-हर महादेव’ और ‘जय भोलेनाथ’ के नारों से गूंज उठा।

मधेश्वर महादेव: जहां शिवलोक का अहसास होता है

मयाली में स्थित विश्व का सबसे बड़ा प्राकृतिक शिवलिंग आस्था का केंद्र बन चुका है। यहां आने वाले श्रद्धालु इसे किसी शिवलोक से कम नहीं मानते। कहते हैं कि इस प्राकृतिक शिवलिंग के दर्शन मात्र से जीवन धन्य हो जाता है।

भक्तों में भारी उत्साह

महाशिवपुराण कथा सुनने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं। श्रद्धालु यहां शिव की भक्ति में लीन होकर भजन-कीर्तन कर रहे हैं। मयाली की पावन भूमि शिवधाम जैसी अनुभूति करा रही है। इस ऐतिहासिक आयोजन के साथ, मधेश्वर महादेव शिवलिंग पर आस्था का रंग पूरी तरह चढ़ चुका है और यह स्थान शिव भक्तों के लिए एक दिव्य तीर्थ बनता जा रहा है।


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