जशपुर
जिले की बहुचर्चित घटना छत्तीसगढ़ हॉस्पिटल छुरा में 21 अगस्त 2024 दिन बुधवार को आदिवासी कमार गर्भवती महिला नीरा बा‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 4 सितंबर।ई कमार इलाज के लिए आती है, वहां के डॉक्टर द्वारा गर्भवती महिला का इलाज के नाम पर इंजेक्शन एवं बॉटल लगाकर टेबलेट, जांच कर सब नार्मल है कहकर महिला को घर भेज दिया जाता है, फिर उसी रात लगभग 10से 12बजे बीच आदिवासी कमार गर्भवती महिला नीरा बाई की पेट में दर्द होना शुरू हो गया, फिर पुन: इलाज किए गए छत्तीसगढ़ हॉस्पिटल छुरा लाया गया, जहाँ गर्भवती महिला के पेट में नवजात शिशु को मृत घोषित कर दिया जाता है।
वहीं पीडि़त महिला एवं परिवार द्वारा हॉस्पिटल प्रबंधक की लापरवाही मानते हुए। जिला प्रशासन के पास न्याय की गुहार लगाई थी, पर आज 14दिन बीत जाने के बाद भी जिला प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई।
जाँच टीम का हुआ है गठन, पर 14 दिन बीत जाने के बाद भी जांच टीम अपनी रिपोर्ट नहीं सौंप पाई। आखिर इतनी देरी क्यों कही लीपापोती का खेल तो नहीं चल रहा, आखिर इतने दिन बाद भी जिला प्रशासन द्वारा कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
क्या वह डॉक्टर महिला रोग विशेषज्ञ है, गर्भवती महिला की इलाज करने की पात्रता रखता है। पहली बार मरीज को किस डॉक्टर ने देखा और इलाज किया। रात में दूसरी बार किस डॉक्टर ने देखा। सोनोग्राफी किस डॉक्टर के द्वारा किया गया। बच्चे को मृत किस आधार पर घोषित किया गया और किस डॉक्टर ने किया। मृत बच्चे का प्रसव कराने पूर्व क्या प्रोटोकॉल होता है, क्या उसका पालन किया गया। प्रसव किस डॉक्टर द्वारा कराया गया।
पीडि़ता के द्वारा बताया जा रहा है कि गर्भवती महिला का इलाज और सोनोग्राफी वहा के संचालक ने किया जो की डिग्रीधारी नहीं है। क्या पीसीपीएनडीटी और नर्सिंग होम एक्ट के नियमों का पालन किया गया।
गरियाबंद जिला चिकित्सा अधिकारी गार्गी यदु ने कहा कि जाँच के लिए एक सप्ताह का समय तो लगता है। जाँच टीम गठन हुआ है। जाँच टीम की रिपोर्ट आने के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले पर पूर्व मंत्री अमितेश शुक्ल ने कहा कि पीडि़ता को न्याय नहीं मिलने पर धरना प्रदर्शन कर उग्र आंदोलन की जाएगी।
बिंद्रानवागढ़ विधायक जनक ध्रुव ने स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात कर लिखित रूप से शिकायत की है, साथ ही कहा है कि अगर इस मामले में पीडि़ता को न्याय नहीं मिलता तो सडक़ से लेकर सदन तक की लड़ाई लड़ी जाएगी। प्रदर्शन कर उग्र आंदोलन किया जायेगा।
आदिवासी कमार गर्भवती महिला के नवजात शिशु की मृत्यु मामले पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम ने कहा कि निश्चित ही हॉस्पिटल प्रबंधक से लापरवाही हुई है। सभी बिन्दुओं पर जांच होनी चाहिए कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। हर सम्भव पीडि़ता की मदद की जायेगी अगर न्याय नहीं मिला तो निश्चित ही प्रदर्शन कर आंदोलन किया जायेगा।


