जशपुर

चाबी नहीं मिली तो सीजी-झारखंड दोनों बंद करेंगे- बंधन तिग्गा
03-Sep-2024 8:41 PM
चाबी नहीं मिली तो सीजी-झारखंड दोनों बंद करेंगे- बंधन तिग्गा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

जशपुरनगर, 3 सितंबर। सरना उरांव और हिंदू उरांव के बीच का रार अब और अधिक बढ़ता जा रहा है। बीजेपी के निर्वाचित जन प्रतिनिधि और जिला प्रशासन बार-बार यह कर रहे हैं कि हमने नियम विरूद्ध संचालित छात्रावास को बंद करने की कार्रवाई की है। सरना उरांव इस बात से दुखी है कि हमारे सदियों पुराने पवित्र धार्मिक स्थल को बंद कर चाबी प्रशासन ने अपने पास रख लिया है।

इस गहराते विवाद के बीच जन आक्रोश रैली का आयोजन मंगलवार को किया गया। इसमें मुख्य अतिथि और वक्ता के रूप में राजी पड़हा के धार्मिक गुरू बंधन तिग्गा उपस्थित हुए। उन्होंने सरकार, विधायक और प्रशासन पर उक्त कार्रवाई को लेकर जमकर नाराजगी जाहिर की।

बंधन तिग्गा ने कहा, अगर जशपुर विधायक आदिवासी बेटी हैं तो वे चाबी राजी पड़हा समाज को सौंपे। अगर ऐसा नहीं होता है और समाज और अधिक परेशान होता है तो छत्तीसगढ़ के साथ-साथ झारखंड को भी बंद कराया जाएगा और 10 लाख की भीड़ सडक़ पर लाकर आंदोलन करेंगे। उन्होंने यह भी कहा, आदिवासियों का जीवन हमेशा ही संघर्षों से भरा हुआ रहा है। पूर्वज अपने अधिकारों के लिए और देश की आजादी के लिए शहीद हुए हैं। हमें भी होना पड़े तो हम पीछे नहीं हटेंगे।

गरीबों को ही तो पढ़ा रहे थे

धर्म गुरू बंधन तिग्गा ने कॉलेज रोड स्थित हॉकी एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कहा, मैं जशपुर जिला प्रशासन से पूछना चाहता हूं्? कि राजी पड़हा मुख्यालय दीपू बगीचा में गरीब आदिवासी उरांव बच्चों को ही पढ़ाने के लिए रखा गया था। आदिवासी गरीब हैं और इसमें हमारा क्या गुनाह है? कुछ बात थी तो बैठकर समझाईश देकर भी की जा सकती थी। एक तरफा कार्रवाई शासन-प्रशासन की पक्षपाती मंशा को उजागर करती है।

सभी संस्थानों की जांच करें-मेडिकल दिखाएं

मुख्य वक्ता बंधन तिग्गा ने कहा, जशपुर प्रशासन सभी संस्थाओं की जांच कराए, सभी बच्चों का मेडिकल रिपोर्ट तैयार कराए। सिर्फ राजी पड़हा का ही एक छोटे से छात्रावास की जांच कर बड़ी कार्रवाई करने की योजना बनाए गई है।

गांव-गांव तक पहुंचाएंगे इस मामले को

बंधन तिग्गा ने कहा दीपू बगीचा एक बहाना है। इन्हें आदिवासियों के कई मामलों में हमला करना है। आरक्षण खत्म करने की इनकी मंशा है। राजी पड़हा में ताला लगाने के मामले को लेकर हम गांव-गांव जाएंगे। सरकार 5 साल के लिए बनी है, 2029 में फिर से चुनाव होंगे तब हम करारा जवाब देंगे। हम कांग्रेस-बीजेपी की राजनीति नहीं करते। जो हमारे हित में का करेगा हम उनके  साथ खड़े दिखाई देंगे।

हेमंता बिस्व सरमा से मिलना अस्वीकार्य

संबोधन के दौरान बंधन तिग्गा ने कहा, हाल ही में बीजेपी प्रवेश कर आसाम के मुख्यमंत्री बने हेमंता बिस्वा सरमा झारखंड की राजधानी रांची पहुंचे थे और उनसे मिलने की इच्छा जाहिर करते हुए मिलने का प्रस्ताव भिजवाया था जिसे बंधन तिग्गा ने अस्वीकार कर दिया। इस संबंध में उन्होंने कहा, 2008 में हेमंता बिस्वा सरमा असम के मुख्यमंत्री थे तभी एक आदिवासी व्यक्ति को नंगा दौड़ाया गया था।

अपने ही अपनों को काट रहें-विनय भगत

जशपुर के पूर्व विधायक विनय भगत ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, अपने ही अपनों को काट रहे हैं। जिस तरह पेड़ को काटने के लिए जिस टंगिया का उपयोग किया जाता है उसमें लकड़ी का ही बेंत लगाया जाता है। कुछ ऐसा ही राजी पड़हा समुदाय के द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा, 1982 में जब वे छोटे थे तब अपने दादा और पिता के साथ दीपू बगीचा के सरहूल पूजा में उपस्थित हुए थे। यहां पूजा राजी पड़हा मान्यताओं के मुताबिक आदिकाल से हो रही है। इस दौरान राजी पड़हा के जशपुर दीवान बसंत भगत, शिव भगत, मनमोहन भगत, संजीव भगत के साथ बड़ी संख्या में बाहर से और गांव-गांव से आए राजी पड़हा मत के मानने वाले उरांव समाज के लोग थे।


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