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फ़्रांस,01 नवम्बर | फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि वो मुस्लिमों की भावनाओं को समझते हैं लेकिन कट्टर इस्लाम सभी के लिए ख़तरा है.
इमैनुएल मैक्रों ने ये बातें कतर के न्यूज़ चैनल अल जज़ीरा को दिए एक इंटरव्यू के दौरान कहीं. उन्होंने इंटरव्यू में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून दिखाने के बाद हुई हत्याओं, उनके बयान और मुस्लिम देशों के विरोध पर बात की.
राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा, ''मैं मुसलमानों की भावनाओं को समझता हूं जिन्हें पैगंबर मोहम्मद के कार्टून दिखाए जाने से झटका लगा है. लेकिन, जिस 'कट्टर इस्लाम' से वो लड़ने की कोशिश कर रहे हैं वो सभी लोगों खासतौर पर मुसलमानों के लिए ख़तरा है.''
''मैं इन भावनाओं को समझता हूं और उनका सम्मान करता हूं. पर आपको अभी मेरी भूमिका समझनी होगी. मुझे इस भूमिका में दो काम करने हैं: शांति को बढ़ावा देना और इन अधिकारों की रक्षा करना.''
उन्होंने कहा कि वो अपने देश में बोलने, लिखने, विचार करने और चित्रित करने की आज़ादी का हमेशा बचाव करेंगे.
क्या कहा था मैक्रों ने
इसी महीने फ़्रांस में पैग़ंबर मोहम्मद के एक कार्टून को दिखाने वाले टीचर सैमुअल पेटी पर हमला कर एक व्यक्ति ने उनका गला काट दिया था. इसके बाद फ़्रांस में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए. ये कार्टून एक फ़्रांसीसी पत्रिका शार्ली हेब्दो में प्रकाशित किए गए थे.
फ़्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पैग़ंबर मोहम्मद के विवादित कार्टून दिखाने के टीचर के फ़ैसले का बचाव किया और कहा कि वे मुसलमान कट्टरपंथी संगठनों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करेंगे.
उन्होंने कहा फ़्रांस के अनुमानित 60 लाख मुसलमानों के एक अल्पसंख्यक तबक़े से "काउंटर-सोसाइटी" पैदा होने का ख़तरा है. काउंटर सोसाइटी या काउंटर कल्चर का मतलब एक ऐसा समाज तैयार करना है जो कि उस देश के समाज की मूल संस्कृति से अलग होता है.
इमैनुएल मैक्रों के इस फ़ैसले पर कुछ मुसलमान बहुल देश में नाराज़गी ज़ाहिर की गई. कई देशों ने फ़्रांसीसी सामान के बहिष्कार की भी अपील की. तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने कहा था कि अगर फ़्रांस में मुसलमानों का दमन होता है तो दुनिया के नेता मुसलमानों की सुरक्षा के लिए आगे आएं. फ़्रांसीसी लेबल वाले सामान न ख़रीदें.
इसके बाद फ़्रांस में नीस शहर के चर्च नॉट्रे-डेम बैसिलिका में एक व्यक्ति ने चाकू से हमला कर दो महिलाओं और एक पुरुष की जान ले ली.
इस पर राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा था, ''मेरा ये संदेश इस्लामिक आतंकवाद की मूर्खता झेलने वाले नीस और नीस के लोगों के लिए है. ये तीसरी बार है जब आपके शहर में आतंकवादी हमला हुआ है. आपके साथ पूरा देश खड़ा है. अगर हम पर फिर से हमला होता है तो यह हमारे मूल्यों के प्रति संकल्प, स्वतंत्रता को लेकर हमारी प्रतिबद्धता और आतंकवाद के सामने नहीं झुकने की वजह से होगा. हम किसी भी चीज़ के सामने नहीं झुकेंगे. आतंकवादी ख़तरों से निपटने के लिए हमने अपनी सुरक्षा और बढ़ा दी है.''
ग़लत तरीक़े से पेश हुआ बयान
राष्ट्रपति मैक्रों ने उनकी दिए बयानों को ग़लत तरीके से पेश किए जाने का भी आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, ''मुझे लगता है कि मेरे शब्दों को लेकर बोले गए झूठ और उन्हें तोड़मरोड़ कर पेश करने के चलते ही इस तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं. इससे लोगों को लगा कि मैं उन कार्टून का समर्थन करता हूं.''
''वो कार्टून सरकारी प्रोजेक्ट का हिस्सा नहीं थे नहीं थे बल्कि स्वतंत्र और आज़ादा अख़बारों में दिए गए थे जो सरकार से जुड़े नहीं हैं.''
इमैनुएल मैक्रों ने इंटरव्यू में ये भी कहा कि इस्लाम को गलत तरीके से पेश करने से सबसे ज़्यादा नुक़सान मुसलमानों को ही होता है.
उन्होंने कहा, ''आज दुनिया में कई लोग इस्लाम को तोड़-मोरड़ रहे हैं. इस्लाम के नाम पर वो अपना बचाव करते हैं, हत्या करते हैं, कत्लेआम करते हैं. इस्लाम के नाम पर आज कुछ अतिवादी आंदोलन और व्यक्ति हिंसा कर रहे हैं. ये इस्लाम के लिए एक समस्या है क्योंकि मुस्लिम इसके पहले पीड़ित होते हैं. आतंकवाद के 80 प्रतिशत से ज़्यादा पीड़ित मुस्लिम होते है और ये सभी के लिए एक समस्या है.''
इस्लाम से नहीं आतंकवाद से लड़ाई
इमैनुएल मैक्रों ने इस इंटरव्यू के कुछ हिस्से अपने ट्वीटर अकाउंट पर पोस्ट करते हुए कुछ ट्वीट्स भी किए.
Des extrémistes enseignent qu'il ne faut pas respecter la France. Ils enseignent que les femmes ne sont pas l'égal des hommes, que les petites filles ne doivent pas avoir les mêmes droits que les petits garçons.
— Emmanuel Macron (@EmmanuelMacron) October 31, 2020
Je vous le dis très clairement : pas chez nous. pic.twitter.com/IrQ7YqOwGq
उन्होंने लिखा कि हिंसा को सही ठहराना मैं कभी स्वीकार नहीं करूंगा. मैं मानता हूं कि हमारा मकसद लोगों की आज़ादी और अधिकारों की रक्षा करना है. मैंने देखा है कि हाल के दिनों में बहुत से लोग फ़्रांस के बारे में अस्वीकार्य बातें कह रहे हैं. हमारे बारे में और मेरे बयान को लेकर कहे गए झूठों का समर्थन कर रहे हैं और बुरी स्थिति की तरफ़ बढ़ रही है.
इमैनुएल मैक्रों ने ट्वीट किया, "हम फ्रांस में इस्लाम से नहीं बल्कि इस्लाम के नाम पर किए जा रहे आतंकवाद से लड़ने की कोशिश कर रहे हैं. इस आतंकवाद ने हमारे 300 लोगों की जान ले ली है.''(https://www.bbc.com/hindi)