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जेल में बंद ईरानी कार्यकर्ता नरगिस मोहम्मदी के बच्चे उनकी ओर से नोबेल शांति पुरस्कार लेंगे
10-Dec-2023 10:06 PM
जेल में बंद ईरानी कार्यकर्ता नरगिस मोहम्मदी के बच्चे उनकी ओर से नोबेल शांति पुरस्कार लेंगे

हेलसिंकी, 10 दिसंबर। जेल में बंद ईरानी कार्यकर्ता नरगिस मोहम्मदी के बच्चे रविवार को नॉर्वे की राजधानी में एक समारोह में उनकी ओर से इस साल का नोबेल शांति पुरस्कार स्वीकार करेंगे।

मोहम्मदी अपने देश में महिलाओं के अधिकारों और लोकतंत्र के लिए अभियान चलाने के साथ-साथ मृत्युदंड के खिलाफ मुखर रही हैं। मोहम्मदी के 17 वर्षीय जुड़वां बच्चे अली और कियाना रहमानी अपने पिता के साथ पेरिस में निर्वासन में रह रहे हैं। उन्हें ओस्लो सिटी हॉल में प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया जाएगा, जिसके बाद वे अपनी मां के नाम पर नोबेल शांति पुरस्कार व्याख्यान देंगे।

मोहम्मदी (51) को अक्टूबर में 2023 नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई थी। वह फिलहाल तेहरान की एक जेल में बंद है। ईरान में इससे पहले भी उन्हें कई बार गिरफ्तार किया गया था और कई साल जेल में रह चुकी हैं।

ओस्लो में शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में कियाना रहमानी ने अपनी मां का एक संदेश पढ़ा, जिसमें उन्होंने ‘‘असहमति, प्रदर्शनकारियों और मानवाधिकार रक्षकों की आवाज को दुनिया तक पहुंचाने’’ में अंतरराष्ट्रीय मीडिया द्वारा निभाई गई भूमिका की प्रशंसा की।

मोहम्मदी ने अपने संदेश में कहा, ‘‘ईरानी समाज को वैश्विक समर्थन की आवश्यकता है और आप, पत्रकार एवं मीडियाकर्मी इस्लामी गणतंत्र सरकार के विनाशकारी अत्याचार के खिलाफ कठिन संघर्ष में हमारे सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण सहयोगी हैं। आपके प्रयासों के लिए, आपने हमारे लिए जो कुछ भी किया है, उसके लिए मैं आपको तहे दिल से धन्यवाद देती हूं।’’

कियाना रहमानी ने कहा कि उन्हें अपनी मां से दोबारा मिलने की बहुत कम उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘‘शायद मैं उन्हें 30 या 40 साल में देख पाऊंगी, लेकिन मुझे लगता है कि मैं उन्हें दोबारा नहीं देख पाऊंगी। लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि मेरी मां हमेशा मेरे दिल में रहेंगी, वे मूल्य जिनके लिए लड़ना जरूरी है।’’

मोहम्मदी के भाई और पति ने ओस्लो में संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने ईरान में बहाई धर्म के धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए रविवार को भूख हड़ताल करने की योजना बनाई है। रहमानी के पति ताघी ने पूर्व में कहा था कि वह 11 साल से अपनी पत्नी को नहीं देख पाए हैं और उनके बच्चों ने सात साल से अपनी मां को नहीं देखा है।

पुरस्कारों के 122 साल के इतिहास में यह पांचवा मौका है कि शांति पुरस्कार किसी ऐसे व्यक्ति को दिया गया है जो जेल में है या घर में नजरबंद है। बाकी नोबेल पुरस्कार रविवार को बाद में स्टॉकहोम में अलग-अलग समारोहों में दिए जाने वाले हैं। (एपी)


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