अंतरराष्ट्रीय

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भारत ने पाकिस्तान में रहने वाले चरमपंथी गुट लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य साजिद मीर को संयुक्त राष्ट्र से आतंकवादी घोषित कराए जाने से रोकने के लिए चीन पर निशाना साधा है.
भारत ने कहा कि चीन का ये कदम आतंकवाद से लड़ने के लिए वास्तविक राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी को दिखाता है.
इससे पहले चीन ने मंगलवार को अमेरिका और भारत की ओर से संयुक्त राष्ट्र परिषद में साजिद मीर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किए जाने की मांग वाले प्रस्ताव पर रोक लगा दी थी.
साजिद मीर 2008 में हुए मुंबई हमलों के मुख्य अभियुक्तों में से एक है और भारत में मोस्ट वांटेड की सूची में शामिल है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार न्यूयॉर्क में भारत के स्थायी मिशन के संयुक्त सचिव प्रकाश गुप्ता ने कहा, "अगर 'तुच्छ भू-राजनीतिक हितों' के कारण आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने की कोशिशें विफल होती हैं, तो आतंकवाद की इस चुनौती से ईमानदारी से लड़ने को लेकर हमारे पास सचमुच राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं है."
उन्होंने कहा, "हमें दोहरे मापदंडों और इस अच्छे आतंकवादी बनाम बुरे आतंकवादी वाली आत्म विनाशकारी दलील से बचना चाहिए. आतंकी कृत्य आतंकी कृत्य ही है, ये बिलकुल साफ़ और सरल है. से कृत्य को किसी भी तरह से जायज़ ठहराए जाने को कतई स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए."
प्रकाश गुप्ता ने कहा कि जवाबदेही और पारदर्शिता के इस युग में क्या बिना कोई कारण बताए सबूतों पर आधारित प्रस्तावों को रोका जा सकता है.
प्रकाश गुप्ता ने इस दौरान एक ऑडियो क्लिप भी चलाया जिसमें साजिद मीर को 26/11 मुंबई हमलों के दौरान पाकिस्तान से चरमपंथियों को निर्देश देते सुना जा सकता है.
मुंबई हमले में कुल 166 लोगों की जान गई थी, जिनमें से 26 विदेशी नागरिक थे. (bbc.com/hindi)