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पाकिस्तान, 16 मार्च । पाकिस्तान सरकार ने अख़बारों और पत्रिकाओं से क़ुरान के प्रति श्रद्धा का कड़ाई से पालन करने को कहा है.
सरकार के अनुसार, क़ुरान की किसी प्रति या उसके किसी अंश का जानबूझ कर अपमान करने पर उम्र क़ैद तक की सज़ा हो सकती है.
पाकिस्तान के प्रकाशन संस्थानों को बुधवार को भेजे एक पत्र में सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने ऐसा कहा है.
उसके अनुसार, अख़बारों में प्रकाशित क़ुरान की आयतों और अनुवादों के साथ अपमानजनक व्यवहार हुआ, जो दुखद और मौजूदा क़ानूनों का उल्लंघन भी है.
इस पत्र में सरकार ने कहा है कि जो कोई भी जानबूझ कर क़ुरान की किसी प्रति या उसके किसी अंश को नुक़सान पहुंचाए या उसे अपवित्र करे या इनका अपमानजनक तरीक़े से या किसी ग़ैर क़ानूनी मकसद के लिए इस्तेमाल करे, तो ऐसा करने वालों को पाकिस्तान दंड संहिता के खंड XV की धारा 295बी के तहत उम्र क़ैद तक की सज़ा दी जाएगी.
मंत्रालय ने काउंसिल आफ इस्लामिक आइडियोलॉजी से क़ुरान या अहदीस ए नबवी की पवित्रता बनाए रखने के संबंध में दिशानिर्देश जारी करने का भी अनुरोध किया है. (bbc.com/hindi)