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पंजाब के कार्यवाहक सूचना मंत्री आमिर मीर का कहना है कि इमरान ख़ान को गिरफ़्तार करने के कोर्ट के आदेश पर अमल करना मुश्किल नहीं है, लेकिन सरकार लाशें नहीं गिराना चाहती और इसे सरकार की कमज़ोरी समझे तो समझिए.
बीबीसी से बात करते हुए उन्होंने कहा कि 'मुख्य वजह यह है कि हम लाशों को अपनी तरफ या उनकी तरफ नहीं गिराना चाहते. अगर यह हमारी कमज़ोरी है तो ठीक है. हम कार्यवाहक सरकार हैं. लेकिन वो किसी अदालत या किसी सरकार की बात नहीं मान रहे हैं.'
उन्होंने कहा कि ज़मान पार्क में गिलगित बाल्टिस्तान और खैब़र पख्तूनख्वा की पुलिस फोर्स मौजूद है।
उन्होंने गेट पर आ रहे पुलिसकर्मियों पर बंदूक तान रखी थी. यहां जो पुलिसकर्मी थे उनके पास सिर्फ़ हेलमेट, ढाल और डंडे थे. उन्होंने धमकी दी कि अगर तुम पीछे नहीं हटे तो हम फायरिंग कर देंगे, इसलिए उन्हें वापस आने का आदेश देना पड़ा। '
उन्होंने कहा कि समस्या यह है कि आईजी ने कहा कि अगर वे गिरफ़्तार करना चाहते हैं तो हम करेंगे, पांच, सात लाशें गिरेंगी. वे आग लगाएंगे और हमें जवाब देना होगा.
कार्यवाहक सूचना मंत्री ने कहा कि वे (इमरान ख़ान के समर्थक) ना तो कानून का पालन करते हैं और ना ही संविधान का.
कोर्ट के फैसले को लागू करने पहुंची टीम ने अपने डीआईजी का सिर फोड़ दिया और उनके पैर में चोट लगने के साथ ही रेंजर्स के वाहन पर हमला कर दिया.
रेंजर्स केवल प्रतीकात्मक रूप से पुलिस के साथ जाते हैं.
उन्होंने कहा कि इमरान ख़ान अब तालिबान की तरह काम कर रहे हैं. जिस पर तालिबान ख़ान होने का आरोप लगाया गया था, वह इसे साबित कर रहा है। '
आमिर मीर ने यह भी कहा कि 'हमने पीएसएल सेमीफाइनल और फाइनल को देखते हुए इस ऑपरेशन को स्थगित कर दिया है.'
उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई 19 मार्च को पीएलएल फाइनल के बाद फिर से की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस फैसले का कारण यह है कि लाहौर पूरी तरह ठप हो गया है. जनजीवन सामान्य नहीं होगा तो लोग स्टेडियम कैसे पहुंचेंगे? (bbc.com/hindi)