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बीबीसी के पूर्व महानिदेशक ग्रेग डाइक ने कहा है कि टीवी प्रेज़ेंटर गैरी लिनेकर को सरकार की प्रवासी नीति की आलोचना करने के बाद शो से हटाना एक ग़लती है.
ग्रेग डाइक ने एक ऐसे समय में ये टिप्पणी की है जब बीबीसी का फ़ुटबॉल शो 'मैच ऑफ़ द डे' का प्रसारण संकट में पड़ गया है.
बीबीसी के कई कर्मचारियों ने गैरी लिनेकर के समर्थन में अपने आप को शो से हटा लिया है.
शनिवार को प्रसारित होने वाले कार्यक्रम से इस शो के सभी छह विशेषज्ञों और कमेंट्री टीम ने अपने आप को हटा लिया है.
डाइक ने कहा है कि "लिनेकर को निलंबित करके बीबीसी ने स्वयं अपनी विश्वसनीयता को धक्का पहुंचाया है."
डाइक ने कहा, "बीबीसी में ये लंबे समय से स्थापित परंपरा है कि अगर आप मनोरंजन या खेल के प्रेज़ेंजटर हैं तो आप एक जैसे नियमों से नहीं बंधे हैं."
ग्रेग डाइक साल 2000 से 2004 तक बीबीसी के महानिदेशक थे.
ग्रेग डाइक ने बीबीसी के टुडे प्रोग्राम से बात करते हुए ये भी कहा कि संस्थान के इस क़दम से ये संदेश भी जा सकता है कि बीबीसी सरकार के दबाव में झुक गया है.
गैरी लिनेकर ने ब्रिटेन सरकार की नई प्रवासी नीति की सोशल मीडिया पर आलोचना की थी. इस नीति के तहत ब्रिटेन अवैध तरीक़े से देश में आने वाले प्रवासियों को वापस भेजेगा.
बीबीसी में काम करने वाले पत्रकारों पर सोशल मीडिया पर अपनी राय रखने को लेकर नियम लागू हैं.
बीबीसी ने गैरी लिनेकर के मामले पर जांच पूरी होने तक उन्हें कार्यक्रम से हटा दिया है.
लिनेकर के समर्थन में कई और कर्मचारियों ने अपने आप को कार्यक्रमों से हटा लिया है जिसकी वजह से बीबीसी के स्पोर्ट्स कार्यक्रम प्रभावित हुए हैं.
बीबीसी ने एक बयान जारी करके कहा है, "हमारे कुछ विशेषज्ञों ने कहा है कि वो शो में शामिल नहीं होना चाहते हैं, इसी बीच हम गैरी लिनेकर के साथ स्थिति का समाधान कर रहे हैं."
बीबीसी ने तय किया है कि अब कार्यक्रम को बिना विशेषज्ञों की टिप्पणी के ही प्रसारित किया जाएगा. (bbc.com/hindi)