अंतरराष्ट्रीय
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ट्रकों की हड़ताल के कारण कनाडा और अमेरिका के सामने संकट खड़ा हो गया है.
सैंकड़ों ट्रकों ने ऑन्टेरियो के विंडसर में एंबेसडर ब्रिज को ठप किया हुआ है. यहां से सामानों की आवाजाही रुक गई है. कोई सामान ना अमेरिका जा पा रहा है और ना वहां से आ रहा है.
50 हज़ार से ज़्यादा प्रदर्शनकारियों ने ब्रिज को जाम किया हुआ है. इसके चलते ऑन्टेरियो में इमर्जेंसी की घोषणा की गई है और कोर्ट ने भी मामले में दखल दिया है. वहीं, राजधानी ओटावा में भी विरोध प्रदर्शन चल रहा है.
ब्रिज से प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस कार्रवाई भी की गई लेकिन कोई सफलता नहीं मिली. प्रदर्शनकारी अब भी वहाँ डटे हुए हैं. ऐसे में इस गतिरोध का क्या समाधान है.
पुलिस यहाँ बसों में पहुंची थी. उनके चेहरे आधे ढके हुए थे और उनके हाथों में लंबी बंदूकें थीं. वह दर्जनों विरोध प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए तैयार थे.
वहाँ छोटे ट्रक और गाड़ियां खड़ी थीं जिन पर कनाडा का झंडा लगा था. वैक्सीनेशन और जस्टिन ट्रूडो के विरोध में नारे लग रहे थे. वहाँ कुछ बड़े कमर्शियल ट्रक भी थे.
लगभग दो किमी. की सड़क पर करीब 100 गाड़ियां खड़ी की गई हैं. ये सड़क ब्रिज की तरफ़ जाती है और एक हफ़्ते में गाड़ियां यहाँ तक भी पहुंच सकती हैं.
क्या है विरोध की वजह
इस विरोध प्रदर्शन की वजह है कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का दिया एक आदेश. इसके तहत अमेरिका से आने वाले उन्हीं ट्रक चालकों को कनाडा में प्रवेश करने दिया जाएगा, जिन्होंने कोरोना वैक्सीन लगवा रखी हो वरना उन्हें क्वारंटीन होना पड़ेगा. ट्रक ड्राइवर्स के संगठन के इस नियम का विरोध कर रहे हैं.
लेकिन, यहाँ मौजूद प्रदर्शनकारी सिर्फ़ इसलिए एकजुट नहीं हैं क्योंकि वो एक ही पेशे में हैं बल्कि कुछ मसलों ने उन्हें एकसाथ जोड़ रहा है. जैसे वैक्सीन को लेकर भरोसे की कमी, सरकार से धोखा मिलने का डर और प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के प्रति नापसंदगी.
बारह घंटों से भी अधिक समय बाद कोर्ट ने विंडसर से प्रदशर्नकारियों को हटाने के आदेश दिए. पुलिस शनिवार सुबह यहाँ पहुंची. कई गाड़ियां तुरंत चली गईं लेकिन फिर भी विरोध प्रदर्शन ख़त्म नहीं हुआ.
विंडसर पुलिस सर्विस के डिप्टी चीफ़ ऑपरेशंस जेसन बेलेयर ने कहा कि और गाड़ियां शाम तक उठा ली जाएंगी. लेकिन, गाड़ियां अभी समस्या नहीं हैं. दिक्क़त लोगों से है.
उन्होंने बीबीसी से कहा, ‘‘हम उन्हें स्पष्ट करने की ज़रूरत है कि वो यहां नहीं रुक सकते और ब्रिज को बाधित नहीं कर सकते.’’
कई गाड़ियां चली गई हैं लेकिन लोगों ने सड़कों को जाम किया हुआ है.
क्या कहते हैं प्रदर्शनकारी
एक प्रदर्शनकारी टीन ने कहा, ‘‘वो (सरकार में नेता) भगवान के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं.’’
इस नौजवान महिला की आंखें छलक आती हैं जब वो बताती हैं कि कैसे वैक्सीन की अनिवार्यता से उनके परिवार पर प्रभाव पड़ा है.
उन्होंने कहा, ‘‘अगर मेरा परिवार बीमार हो जाता है तो मैं उनके पास रहना चाहती हूं. मैंने कई परिवारों को अकेले मरते देखा है. ये सही नहीं है.’’
पुलिस प्रदर्शनकारियों को पीछे हटा रही है लेकिन उन्हें खास सफलता नहीं मिली है. उन्होंने जिन सड़कों को घेरा है उसमें प्रवेश के कई रास्ते हैं. आसपास आवासीय इलाक़ा भी है. लोग यहां आसानी से आ रहे हैं और विरोध प्रदर्शन बढ़ रहा है.
कनाडा में 90 प्रतिशत वैक्सीनेशन दर है जो कि अमेरिका से बहुत ज़्यादा है. देश के कई हिस्सों बार, जिम और रेस्टोरेंट में वैक्सीनेशन का सबूत दिखाना ज़रूरी है.
एक विरोध प्रदर्शनकारी डैन ने कहा, ‘‘वो हमें यहां से भगाने जा रहे हैं. हम शांतिपूर्ण रहेंगे और हाथ पकड़कर एकता दिखाएंगे.’’
फिलहाल गतिरोध की स्थिति बनी हुई और पुलिस प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश कर रही है.
डिप्टी चीफ़ जेसन बेलेयर कहते हैं, ‘‘हम उन्हें समझा रहे हैं, उनसे बात कर रहे हैं ताकि सबकुछ शांतिपूर्ण तरीके से हल हो जाए.’’
वहीं, इस इलाक़े से 750 किमी पूर्व राजधानी ओटावा में भी विरोध प्रदर्शन चल रहा है जो शांत नहीं हो रहा है.
इस विरोध प्रदर्शन में विंडसर के मुक़ाबले कहीं ज़्यादा लोग हैं. हज़ारों लोग कनाडा के झंडे के साथ राजधानी की सड़कों और गलियों में निकल आए हैं.
प्रदर्शनकारियों के लिए खाने का इंतजाम है, लोग म्यूज़िक पर स्ट्रीट हॉकी खेल रहे हैं, हॉर्न बजा रहे हैं और ‘आज़ादी’ के नारे लगा रहे हैं.
जस्टिन स्मिथ विरोध प्रदर्शन वाली जगह पर अपनी पत्नी के साथ आए हैं.वो कहते हैं, ‘‘ये वैक्सीन विरोध अभियान नहीं है. ये आज़ादी का अभियान है. ये चुनने की आज़ादी के लिए है.’’