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पाकिस्तान में 49 साल के सांसद लियाक़त हुसैन की 18 साल की लड़की से शादी पर बहस
12-Feb-2022 11:02 AM
पाकिस्तान में 49 साल के सांसद लियाक़त हुसैन की 18 साल की लड़की से शादी पर बहस

 

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) के 49 वर्षीय नेता और सांसद आमिर लियाक़त हुसैन इन दिनों ख़ूब चर्चा में हैं.

दरअसल, लियाक़त हुसैन ने ट्विटर पर ये जानकारी दी है कि उन्होंने 18 साल की सैयदा दानिया से शादी की है और ये उनकी तीसरी शादी है. दोनों की उम्र में क़रीब 31 साल का फ़ासला है.

लियाकत हुसैन के ट्वीट से ठीक एक दिन पहले ही उनकी दूसरी पत्नी सैयदा तूबा अनवर ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में तलाक़ की जानकारी दी थी.

उन्होंने लिखा था, "भारी मन से, मैं लोगों को अपने जीवन में हुए बदलाव की जानकारी देना चाहती हूँ. मेरा परिवार और क़रीबी दोस्त जानते हैं कि 14 महीने अलग रहने के बाद, ये साफ़ था कि अब सुलह की कोई उम्मीद नहीं है और मुझे अदालत से खुला लेने का विकल्प चुनना पड़ा."

तूबा अनवर ने इसी पोस्ट में लिखा है, "मैं बता नहीं सकती कि ये कितना मुश्किल रहा लेकिन मैं अल्लाह पर ऐतबार करती हूँ. मैं सभी से अपील करूंगी कि मुश्किल भरे इस समय में मेरे फ़ैसले का सम्मान किया जाए."

पेशे से टीवी होस्ट, 28 साल की तूबा अनवर और लियाक़त हुसैन ने 2018 में शादी की थी. उस समय लियाक़त हुसैन की पहली पत्नी ने दावा किया था कि उन्हें फ़ोन पर तलाक़ दिया गया था.

लियाकत हुसैन की पहली पत्नी सैयदा बुशरा इक़बाल ने उस समय इंस्टाग्राम पोस्ट के ज़रिए ये बताया था कि कैसे उनके पति ने दूसरी बीवी के सामने फ़ोन कॉल पर उन्हें तलाक़ दिया. उन्होंने आरोप लगाया था कि लियाक़त ने ऐसा तूबा के कहने पर किया.

लियाक़त हुसैन ने बताया कि उन्होंने दक्षिण पंजाब के लोधरान में रहने वाले सआदत परिवार की सैयदा दानिया शाह से निक़ाह किया है, जिनकी उम्र 18 साल है. लियाकत हुसैन ने अपने शुभचिंतकों से दुआ की अपील की.

आमतौर पर पति-पत्नी के बीच उम्र में 31 साल का फ़ासला असामान्य होता है. पाकिस्तान में कानून 18 साल की उम्र में शादी की इजाज़त देता है. लेकिन हुसैन की शादी ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या पाकिस्तान में कम उम्र की दुल्हनों को प्राथमिकता दी जाती है और इस मुल्क में क्या ये आम बात हो चली है?

पाकिस्तानी ट्विटर यूज़र सोहनी लियाक़त हुसैन की शादी पर लिखती हैं, "हर वैध चीज़ हमेशा सही नहीं होती. क्या एक 50 साल के आदमी का 18 साल की लड़की से शादी करना वैध है? हाँ. लेकिन दूल्हे की उम्र से तुलना करें तो क्या लड़की अभी बच्ची है? हाँ. जब वो पैदा हुई थी तब दूल्हा 32 साल का था."

सोहनी ने एक और ट्वीट में लिखा, "जब आप अपने से बहुत छोटे किसी किशोरावस्था में रहने वाले से शादी करते हैं, तो आप एक ग़लत शक्ति संतुलन बनाते हैं. आपका व्यक्तित्व और जीवन पूरी तरह बन चुका होता है. लेकिन एक 18 साल के किशोर या किशोरी का नहीं. आप उन्हें जैसा चाहें वैसा बना सकते हैं और इसलिए आमिर जैसे आदमी ऐसा करते हैं."

इस शादी की आलोचना करने वाली सोहनी अकेली नहीं हैं. फ़लक नाम की एक अन्य यूज़र लिखती हैं, "बहुत से उम्रदराज़ लड़के युवा लड़कियों को अपने इशारों पर चलाने के लिए उनसे रिश्ता जोड़ते हैं और इसे ये कहकर जायज़ ठहराते हैं कि वे "नाबालिग़" नहीं हैं. क्या वे ये नहीं सोचते कि जब वे 25 साल के थे तब वो लड़की सिर्फ़ 10 साल की रही होगी??"

महीन ग़नी लिखती हैं, "असल दुर्भाग्य ये है कि अधिकांश पाकिस्तानी पुरुष आमिर लियाक़त जैसे ही हैं. अपनी पत्नी और बच्चों को छोड़कर एक बच्ची जैसी दुल्हन खोजते हैं ताकि समाज में दबदबा बना सकें. ये ज़हरीला चलन जारी है और पूरी तरह स्वीकार्य भी."

हालांकि, आलोचनाओं के बीच कई यूज़र ये भी कह रहे हैं कि हर पाकिस्तानी पुरुष आमिर लियाक़त जैसा नहीं है.

पहले भी उड़ी थी शादी की अफ़वाह
साल 2021 में अभिनेत्री और मॉडल हानिया ख़ान ने दावा किया कि वो लियाक़त हुसैन की पत्नी हैं. इसके बाद लियाक़त हुसैन ने एक वीडियो संदेश जारी कर इन अफ़वाहों को विराम दिया था.

उन्होंने वीडियो मेसेज में कहा कि उनकी सिर्फ़ एक पत्नी है, जिनका नाम तूबा है.

सुंदरता की वजह से कम उम्र की दूल्हन खोजते हैं पाकिस्तानी?
इस मुद्दे पर बीबीसी उर्दू ने कई लोगों से बात की और कम उम्र की लड़की से शादी के पीछे कई कारण सामने आए, जिनमें से सबसे पहला और बड़ा है सुंदरता.

कराची के रहने वाले समीर ख़ान के तीन बच्चे हैं. ख़ान ने बीबीसी को बताया, "जब हम लड़की देखने जाते हैं तो सुंदरता देखते हैं लेकिन जब हम लड़की के लिए दूल्हा खोजते हैं तो हम लड़के की उम्र नहीं बल्कि उसका पैसा और शिक्षा देखते हैं."

समीर ख़ान कहते हैं, "मैं अपने बेटे के लिए कम उम्र की दुल्हन लाऊंगा ताकि वो लंबे समय तक ख़ूबसूरत दिखे. मुझे लगता है कि 80 फ़ीसदी लोग सुंदर बहू चाहते हैं." पर क्या सिर्फ़ सुंदरता ही अकेली वजह है?

इस पर समीर ख़ान कहते हैं, "कम उम्र की लड़की खोजने के पीछे एक और बड़ा कारण ये है कि उम्र जितनी कम होगी बच्चे पैदा करने के लिए उतना समय होगा. शादी की शुरुआत में बच्चों की योजना न हो तो बाद में भी पति-पत्नी के पास इसके लिए समय होता है."

"युवा लड़कियां आसानी से कंट्रोल में आती हैं"
कराची की रहने वाली आयशा (बदला हुआ नाम) अपने शादी के अनुभव के आधार पर ये स्वीकार करती हैं कि कम उम्र की दुल्हन खोजने के पीछे ये वजह होती है कि एक पुरुष अपने बच्चों को स्वस्थ रहते हुए अच्छे से पाल लेगा.

हालांकि, वो एक और कारण बताती हैं. उनका कहना है, "हर कोई दुनिया पर राज करना चाहता है. ख़ासतौर पर सास चाहती हैं कि उन्हें ऐसी बहू मिले जिन्हें अपने तरीक़े से चलाया जा सके. इसके लिए कम उम्र की लड़कियां ही चाहिए होती हैं. ज़्यादा उम्र की लड़कियों के पास अपनी सोच होती है और वे उसी तरह काम करती हैं. ऐसे में उनपर नियंत्रण पाना मुश्किल होता है."

"हालात अब बदल रहे हैं"
रावलपिंडी में सालों से मैरिज ब्यूरो चलाने वालीं अफज़ल ने बीबीसी उर्दू से बातचीत के दौरान कहा कि अब स्थितियां और प्राथमिकताएं बदल रही हैं. जब लड़के के माता-पिता हमारे पास आते हैं तो कम उम्र की दूल्हनों पर बात नहीं करते. उन्होंने कहा कि अब तो कई शादियों में लड़कियों की उम्र ज़्यादा होती है.

वो कहती हैं कि इसका दूसरा पहलू भी है. अब "कम उम्र की लड़कियों से शादी करने वाले पुरुष भी अब घबराते हैं. वे इन युवा लड़कियों की अलग सोच और व्यवहार को समझ नहीं पाते हैं."

सिंगापुर के नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ सोशल साइसेंज में प्रेम चंद दोमारजो ने बीबीसी उर्दू को बताया कि दक्षिण एशिया में पति और पत्नी की उम्र में सबसे ज़्यादा फ़ासला बांग्लादेश में देखने को मिलता है और इसके बाद पाकिस्तान का नंबर आता है.

दोमारजो के मुताबिक़, बांग्लादेश में औसतन पति अपनी पत्नी से उम्र में साढ़े आठ साल बड़े होते हैं तो वहीं पाकिस्तान में ये फ़ासला पाँच साल से ज़्यादा का है.

दोमारजो के शोध के मुताबिक, पाकिस्तान में बीते 35 सालों से स्थिति में कुछ ख़ास बदलाव देखने को नहीं मिला है. दोमारजों कहते हैं कि इस फ़ासले के पीछे आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक कारण होते हैं जो हर देश में अलग हैं.

लेकिन साल 2018 में संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूनीसेफ़ ने बताया था कि बीते एक दशक में 18 साल से कम उम्र की लड़कियों की शादी में दुनियाभर के अंदर 20 प्रतिशत की कमी हुई है.(bbc.com)

 


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