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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री परवेज़ खट्टक ने सियालकोट में श्रीलंकाई नागरिक की लिंचिंग को लेकर कहा है कि "इस घटना को अंजाम देने वाले जवान लड़के थे, वो जोश में आ गए और ये हादसा हो गया, मैं भी जोश में आ कर ‘कुछ ग़लत कर’ सकता हूं."
उन्होंने कहा कि इस घटना को तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) पर से सरकार के प्रतिबंध हटाने के फैसले से नहीं जोड़ा जाना चाहिए.
बीते शुक्रवार को सियालकोट में ग़ुस्साई भीड़ ने कथित ईशनिंदा के आरोप में एक श्रीलंकाई नागरिक को पीट-पीट कर मार डाला और उनके शव को आग लगा दी. पाकिस्तान के मंत्री का ये बयान ऐसे वक़्त आया है जब पूरा देश इस घटना की निंदा कर रहा है और प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने इसे पाकिस्तान के लिए शर्मनाक बताया है.
सोशल मीडिया पर यूजर्स इस घटना को टीएलपी से जोड़ रहे थे, लेकिन टीएलपी ने लिंचिंग से ख़ुद को अलग करते हुए इसकी निंदा की है.
रविवार को पेशावर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक रिपोर्टर ने खट्टक से पूछा कि सियालकोट में हुई हत्या सरकार के टीएलपी पर प्रतिबंध हटाने के बाद हुई तो क्या सरकार इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए भविष्य में ऐसे समूहों के खिलाफ़ "प्रभावी कार्रवाई" पर विचार कर रही है?
इसके जवाब में उन्होंने कहा,‘’बच्चे हैं, बड़े होते हैं, इस्लामी दीन है, तो ज्यादा जोश में आ जाते हैं और ऐसा काम कर देते हैं इसका ये मतलब नहीं है कि सरकार ने ये किया तो ऐसा हो गया. वहां पर लड़के जुटे और उन्होंने इस्लाम का नारा लगाया कि ये काम इस्लाम के ख़िलाफ़ है लड़के जोश में आ गए और ये हादसा हो गया अचानक. इसका ये मतलब नहीं है कि सब कुछ बिगड़ गया.‘’
"कृपया आप लोगों को समझाएं कि लड़के जस्बे में आ गए और ये काम हो गया, मैं भी जोश में आ सकता हूं और कुछ ग़लत कर सकता हूं. इसका ये मतलब नहीं है कि पाकिस्तान तबाही की तरफ़ जा रहा है.‘’
"नौजवान लड़के 'कुछ भी करने के लिए तैयार' होते हैं और ये उम्र के साथ सीखते हैं कि अपनी भावनाओं को कैसे नियंत्रित किया जाए. ‘तो यह बच्चों के बीच होता है,झगड़े होते हैं और यहां तक कि हत्याएं भी होती हैं.’ इसका मतलब यह है कि यह सरकार की गलती है.‘’
हालाँकि इस बयान की चारों ओर हो रही आलोचना के बाद उन्होंने ट्वीट पर सफ़ाई पेश की.
खट्टक ने कहा, ''मैं घटना की कड़ी निंदा करता हूं. मेरी बातचीत को संदर्भ से अलग नहीं किया जाना चाहिए. मैंने घटना को एक राजनीतिक दल से जोड़ने वाले एक प्रश्न का उत्तर दिया. पाकिस्तान चरमपंथ की हर रूप में निंदा करता है. घटना को पाकिस्तान को बदनाम करने से जोड़ना अस्वीकार्य है." (bbc.com)