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जेफ़ बेज़ोस की अंतरिक्ष में उड़ान, कैसा रहा 10 मिनट का ये ख़ास सफ़र
21-Jul-2021 10:58 AM
जेफ़ बेज़ोस की अंतरिक्ष में उड़ान, कैसा रहा 10 मिनट का ये ख़ास सफ़र

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-पॉल रिंकन

अरबपति अमेरिकी कारोबारी और अमेज़न के संस्थापक जेफ़ बेज़ोस मंगलवार को तीन अन्य लोगों के साथ अंतरिक्ष की उड़ान भरी.

इस यात्रा में बेज़ोस के साथ उनके भाई मार्क बेज़ोस, 82 साल की पूर्व पायलट वैली फ़ंक और 18 साल के छात्र ओलिवर डायमेन भी गए थे. ये सभी 10 मिनट और 10 सैकेंड के बाद पैराशूट के जरिए धरती पर वापस लौट आए.

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खुशी में चीख पड़े अंतरिक्ष यात्री
ये सभी लोग बेज़ोस की कंपनी ब्लू ओरिजन के अंतरिक्ष यान 'न्यू शेफ़र्ड' से रवाना हुए. ब्लू शेफ़र्ड को अंतरिक्ष पर्यटन को बढ़ावा देने के नज़रिए से डिज़ाइन किया गया है. न्यू शेफ़र्ड में बहुत बड़ी-बड़ी खिड़कियाँ हैं ताकि इसमें सवार सभी लोग अंतरिक्ष से धरती का ख़ूबसूरत नज़ारा कर सकें.

न्यू शेफ़र्ड ने भारतीय समयानुसार मंगलवार शाम 6:30 बजे के कुछ देर बाद अमेरिका के टेक्सस से उड़ान भरी. इसे जेफ़ बेज़ोस की निजी लॉन्च साइट वैन हॉर्न से एक रॉकेट के ज़रिए लॉन्च किया गया.

उड़ान भरने के बस दो मिनट बाद कैप्सूल रॉकेट से अलग हो गया और सौ किलो मीटर ऊपर अंतरिक्ष की सतह तक गया. वहां पहुंचते ही कैप्सूल में सवार सभी अंतरिक्ष यात्रियों को 'वाउ' कहते सुना गया. सभी खुशी में चीख पड़े.

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वैली फ़ंक ने कहा, "ओह दुनिया को देखो."

सफ़र पर जाने के पहले उन्होने कहा था कि जब अंतरिक्ष में उनका भार शून्य हो जाएगा तो वो सिर ऊपर करके कसरत करेंगी.

वहीं, उड़ान से पहले सीबीएस न्यूज़ को दिए एक इंटरव्यू में बेज़ोस ने कहा, "मैं उत्साहित हूँ. लोग मुझसे पूछ रहे हैं कि क्या मैं नर्वस हूँ. सच कहूँ तो मैं नर्वस नहीं हूँ. मैं उत्सुक हूँ. मैं जानना चाहता हूँ कि हम वहाँ क्या सीखेंगे."

उन्होंने कहा, "हम ट्रेनिंग ले रहे हैं. अंतरिक्ष यान तैयार है. क्रू तैयार है और हमारी टीम अद्भुत है. हम इसके बारे में सचमुच अच्छा महसूस कर रहे हैं."

चार मिनट तक ज़ीरो-ग्रैविटी का अनुभव
चारों यात्रियों ने करीब चार मिनट तक भार हीनता का अनुभव किया.

उन्होंने अपनी सीट की पेटी खोली और हवा में तैरने का अनुभव किया. उन्होंने वहां से बहुत दूर दिख रही धरती को निहारने का मज़ा भी लिया.

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इस सफ़र पर गईं वैली फ़ंक 1960 के दशक में मर्करी 13 नाम के महिलाओं के उस समूह का हिस्सा थीं, जिन्हें पुरुष अंतरिक्ष यात्रियों की तरह ही टेस्ट और स्क्रीनिंग की प्रक्रिया से गुज़रना पड़ा, लेकिन उन्हें कभी अंतरिक्ष में जाने का मौका नहीं दिया गया.

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न्यू शेफ़र्ड के इस लॉन्च को 'अरबपतियों की स्पेस रेस' का हालिया उदाहरण माना जा रहा है.

जेफ बेज़ोस की ये फ़्लाइट पिछले हफ़्ते अरबपति बिज़नेसमैन सर रिचर्ड ब्रैनसन की कामयाब उड़ान के बाद हुई. सर रिचर्ड ब्रैनसन का वर्जिन गैलेक्टिक रॉकेट प्लेन अंतरिक्ष की छोर तक पहुंचने में कामयाब रहा था.

पिछले हफ़्ते ही रिचर्ड बैनसन ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनके लिए जेफ़ बेज़ोस को पछाड़ना ज़रूरी नहीं था. उन्होंने बेज़ोस को एक 'दोस्ताना सलाह' भी दी थी. उन्होंने कहा था, "अंतरिक्ष से बस आप बाहर का नज़ारा देखिए. ये ज़िंदगी में एक बार मिलने वाला मौका है."

वर्जिन गैलेक्टिन रॉकेट प्लेन से सफ़र करने के लिए एक आम शख़्स को ढाई लाख डॉलर तक खर्च करना पड़ सकता है. न्यू शेफ़र्ड के टिकट का दाम अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है.

जेफ बेज़ोस दुनिया के सबसे दौलतमंद लोगों में से एक हैं. उन्होंने साल 2000 में अपनी कंपनी 'ब्लू ओरिजिन' की शुरुआत की थी. पिछले महीने उन्होंने इस उड़ान का एलान किया था. उन्होंने कहा था कि वे और उनके भाई इस सफ़र पर जाएंगे.

ज़ेफ़ बेज़ोस के 53 वर्षीय भाई मार्क बेज़ोस एक एडवर्टाइजिंग एजेंसी के संस्थापक और न्यू यॉर्क स्थित चैरिटी कंपनी रॉबिन हुड में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट हैं.

वहीं, 18 वर्षीय ओलिवर डायमेन वित्तीय फ़र्म 'सोमरसेट कैपिटल पार्टनर्स' के सीईओ जोएस डायमेन के बेटे हैं.

ओलिवर डायमेन को ये मौक़ा उस अज्ञात व्यक्ति की जगह पर मिला जिन्होंने इसके लिए एक पब्लिक ऑक्शन में 28 मिलियन डॉलर की आख़िरी बोली लगाई थी.

जेफ बेज़ोस की स्पेस कंपनी 'ब्लू ओरिजिन' ने बताया था कि इस मौक़े के लिए ऑक्शन में सबसे ऊंची बोली लगाने वाले शख़्स समय की कमी के कारण मिशन पर नहीं जा पा रहे हैं.

'ब्लू ओरिजिन' ने बताया जोएस डायमेन ने दूसरी फ्लाइट के लिए सीट बुक कराई थी, लेकिन जब पहले विजेता ने अपना नाम वापस ले लिया तो उन्हें ये मौक़ा दिया गया. लेकिन इसके बाद जोएस डायमेन ने अपनी जगह बेटे को भेजने का निर्णय लिया.

ओलिवर डायमेन भौतिक विज्ञान के छात्र हैं. वहीं, वैली फ़ंक इस यात्रा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाली सबसे उम्रदराज़ शख़्स बन गईं.

हालाँकि अंतरिक्ष में जाने के लिए बेतहाशा खर्च करने पर जेफ़ बेज़ोस और रिचर्ड बैनसन की आलोचना भी हो रही है. कई लोगों का मानना है कि अरबपति इस पैसे का इस्तेमाल जलवायु परिवर्तन के ख़िलाफ़ लड़ाई या महामारी से निबटने में लगा सकते थे. (bbc.com)

 


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