गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा राजिम, 8 नवंबर। शताब्दी महोत्सव का 5वां दिन इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। श्रीराधा कृष्ण मंदिर ट्रस्ट, नगरवासी ही नहीं, हर व्यक्ति इस आयोजन में अपनी सेवा देने खड़े हो रहे।
भोजन प्रसादी काउंटर में भोजन सामग्री को गर्मागरम परोसी जा रही है, कभी आलू छोले की सब्जी, मिक्स सब्जी, बूंदी वाली कढ़ी,अचार, सलाद, पूड़ी, चांवल, दाल, फ्राइम्स, बूंदी,भुजिया,खीर,हलवा,गुलाब जामुन रोज नए नए मिष्ठान यही तक खत्म नही,बल्कि भोजन के बाद मुख स्वाद बढ़ाने लिए अनेक प्रकार के मुखवास की व्यवस्था। वहीं नि:शुल्क स्वास्थ्य जाँच शिविर का भी सेवा लाभ भी लोग ले रहे हैं। यहां की व्यवस्था को देखकर लोग दांतों तले उंगली दबा लेता है,जब यादव समाज राउत दोहा लगाते, भगवान गोपाल जी को सिर पर धारण कर आतिश बाजी करते मंदिर प्रवेश करने लगे तो राधाकृष्ण मंदिर के ट्रस्टी एवं उपस्थित सेवा धारी सहनाई वादन के साथ उनका स्वागत करने पहुंचे,पुष्प वर्षा होने लगी,लोग श्रद्धा उत्साह में नाचने लगे,संचालक गण संचालन करते पूरे भीड़ में यैसा जोश पैदा कर दिए कि श्रद्धालु एक दूसरे से गले मिलने लगे,सभी जाति भेद बंधन आज टूट गए,दृश्य ऐसा की सभी की आंखों में प्रेम वश आँशु,हर कोई कैमरे में इस दृश्य को कैद करने लगे। मंदिर प्रवेश के पहले गोवर्धन पूजा,फिर राधाकृष्ण भगवान का पूजन जब एक ओर भगवान कृष्ण के वंशज यादवों का सम्मान हुआ तो एक ओर प्रभु राम को गंगा पार करने वाले केंवट समाज जिसमे निषाद, तारक, धीवर समाज के लोग उपस्थिति से ऐसा लग रहा रहा था, मानो महानदी, पैरी सोंढुर जैसे गंगा यमुना सरस्वती के रूप में एक दूसरे से मिलने बेताब है।
सबका सम्मान तिलक वंदन कर उपर्णा ओढ़ाकर सम्मान किया गया। इस आयोजन से बहुत बड़ा लाभ जो होगा वह यह कि छोटे बड़े का कोई भेद नहीं। इस मंदिर की नींव रखने वाले अग्रवाल परिवार के पूर्वज की देन को सभी लोगों ने प्रशंसा करते नहीं थकते।


