गरियाबंद
वंदे मातरम् अखंडता और आत्मगौरव का प्रतीक - कलेक्टर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 8 नवंबर। भारत के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर गरियाबंद जिले में राष्ट्रगौरव और जनभागीदारी का वर्षभर चलने वाला उत्सव आरंभ हुआ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नई दिल्ली से राष्ट्रीय कार्यक्रम के शुभारंभ के साथ ही जिले में भी सामूहिक गायन और देशभक्ति कार्यक्रमों की श्रृंखला प्रारंभ हुई। जिले ग्राम पंचायत नागाबुड़ा में स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान कलेक्टर बी.एस उइके, पुलिस अधीक्षक निखिल राखेचा, डीएफओ शशिगानंदन के, जिला पंचायत सीईओ प्रखर चन्द्राकर सहित जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी, गणमान्य नागरिक, स्कूली बच्चे, शिक्षकों, अधिकारियों और नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
प्रधानमंत्री ने वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि यह गीत भारत की आत्मा और स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक है। उन्होंने सभी नागरिकों से आग्रह किया कि वे इस वर्ष भर चलने वाले राष्ट्रगौरव उत्सव में सक्रिय भागीदारी निभाएं। इसी क्रम में गरियाबंद जिले के सभी शासकीय कार्यालयों, पंचायतों, नगरीय निकायों, शैक्षणिक संस्थानों और पंचायत स्तर पर भी विविध सांस्कृतिक गतिविधियाँ शुरू की गईं। इस अवसर पर कलेक्टर बी.एस. उइके ने कहा कि वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं, बल्कि यह हमारे देश की एकता, अखंडता और आत्मगौरव का प्रतीक है। यह वह धुन है जिसने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हर भारतीय के भीतर देशभक्ति की ज्वाला जगाई। आज हम उसी भावना को पुन: जागृत कर रहे हैं। गरियाबंद जिले में वर्षभर इस अवसर पर जनभागीदारी के साथ अनेक सांस्कृतिक, शैक्षणिक और प्रेरणादायक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि नई पीढ़ी को अपने राष्ट्र के गौरवशाली इतिहास से जोड़ सकें। शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार वंदे मातरम के 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर चार चरणों में कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की जाएगी। पहले चरण के कार्यक्रम 7 से 14 नवम्बर 2025, दूसरे चरण के 19 से 26 जनवरी 2026, तीसरे चरण के 7 से 15 अगस्त 2026 (हर घर तिरंगा अभियान के साथ) तथा समापन चौथे चरण के 1 से 7 नवम्बर 2026 तक आयोजित होंगे। इस भव्य जनभागीदारी अभियान के माध्यम से पूरे वर्षभर देशवासियों को राष्ट्रभक्ति, एकता और सांस्कृतिक गौरव से जोडऩे का संदेश दिया जाएगा।


