गरियाबंद

भागवत कथा में उमड़े श्रद्धालु
24-May-2025 4:41 PM
भागवत कथा में उमड़े श्रद्धालु

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

नवापारा राजिम, 24 मई। श्री नीलकंठ महादेव मंदिर बढ़ई पारा में श्रीमद् भागवत सप्ताह का षष्ठम दिवस प्रात: काल डॉ.पन्नालाल वशिष्ठ के द्वारा 501कमल पुष्पों से भगवान नीलकंठ का अभिषेक किया गया, जिसमें सभी उपस्थित लोगों ने कमल पुष्प से अभिषेक में सहभागी बने। पहली बार मंदिर में कमल पुष्पों के द्वारा भगवान भोलेनाथ का अभिषेक और श्रृंगार किया गया, जो अत्यंत दुर्लभ दर्शनीय था।

 

कथा में प्रवचन करते हुए महाराज रमाकांत ने कहा कि रुक्मणी मैया ने जो पत्र भगवान को लिखकर भेजती है उस पत्र को लेकर ब्राह्मण देवता भगवान कृष्ण के पास गए,पत्र में लिखा था,कि आप आकर मेरा हरण करके ले जाए, मैं मन से आपको पति मान चुकी हूं ,यदि आप मुझे इस जन्म में नहीं मिलेंगे,तो मैं 100 जन्मों में ही सही आपका वरण अवश्य करूंगी।क्योंकि मैं अपनी आत्मा आपको अर्पित कर दी है।

जैसे ही भगवान कृष्ण को रुक्मणी मैया का पत्र मिला रथ लेकर जगदंबा के मंदिर में पहुंचे,जहां रुक्मणी विवाह के पहले अपने सखियों के साथ मंदिर में देवी की पूजा करने जाती है,और देवी से आशीर्वाद मांग कर बाहर निकलती है तभी भगवान श्री कृष्ण रुक्मणी को रथ में बिठाकर द्वारिका लाने लगे, बीच में रुक्मणी के साथ युद्ध हुआ , रुक्मणी पराजित हुआ और कृष्णा फिर रुक्मणी को लेकर द्वारका पहुंचे फिर भगवान का वैदिक रीति से विवाह संपन्न हुआ। इस प्रकार महाराज द्वारा रुक्मणी विवाह, कंस वध,अकरूर प्रसंग पर विस्तार से कथा के माध्यम से बताया गया।


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