गरियाबंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 23 मई। चमत्कारिक उपचार और मतांतर के नाम पर युवती की जान लेने वाली महिला आरोपी को राजिम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। महासमुंद पचेड़ा निवासी सुनिता सोनवानी ने थाना राजिम में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी पुत्री योगिता मानसिक रूप से अस्वस्थ थी और उसका इलाज सुरसाबांधा निवासी ईश्वरी साहू के पास झाडफ़ूंक और पूजापाठ के माध्यम से चल रहा था।
पीडि़ता को ईश्वरी साहू अपने घर में रखकर उपचार के नाम पर डराने-धमकाने लगी और उस पर ईसाई धर्म अपनाने का दबाव डालने लगी। इलाज के नाम पर चमत्कारी तेल व गर्म पानी डालने के साथ-साथ महिला अपने पैरों से योगिता के सीने को मसलती थी और जबरन प्रार्थना करवाती थी। इस बीच युवती की मौत हो गई। परिवार का दावा है कि तीन महीनों तक माँ-बेटी को बंधक बना कर रखा गया। न दवा थी, न डॉक्टर, बस एकांत में कथित प्रार्थनाएं होती रहीं। हालत बिगडऩे पर भी योगिता को अस्पताल नहीं ले जाया गया और अंतत: उसकी मौत हो गई।
घटना की जानकारी परिजनों ने पुलिस को दी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा कर मामले की जांच शुरू की।
शॉर्ट पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पसली की हड्डी टूटने और दबाव के कारण मृत्यु की पुष्टि हुई है। प्रकरण में छत्तीसगढ़ धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2006 की धारा 4, औषधि और चमत्कारिक उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम 1954 की धारा 7 और भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है। पुलिस ने आरोपी ईश्वरी साहू पति सेवक राम साहू (41 वर्ष) निवासी सुरसाबांधा थाना राजिम विधिवत गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया।