गरियाबंद

छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति और परंपरा को राजिम कुंभ के सांस्कृतिक मंच पर बिखेर रही
23-Feb-2025 3:28 PM
छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति और परंपरा को राजिम कुंभ के सांस्कृतिक मंच पर बिखेर रही

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजिम, 23 फरवरी। सांस्कृतिक मंच में कामीन टोण्डरे की टीम ने पंथी नृत्य के माध्यम से संत गुरू घासीदास के संदेशो को श्रोताओं तक पहुंचाया और मनुष्य के जीवन में अध्यात्मिक, निर्गुण भक्ति के प्रभाव को बताया। जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। नंदकुमार साहू की टीम ने राजकीय गीत से कार्यक्रम की शुरुआत की। राजीव लोचन को प्रणाम करते हुए सुमधुर भजन तोर घर बेटा बिराजै..., लल्ला बेटा राजा मइया..., गोकुल जावत है..., कृष्ण लीला की झांकी व कृष्ण भगवान की बाल लीला की बहुत सुंदर प्रस्तुति दी। लोकेश्वर वर्मा की टीम ने जसगीत में भक्तिमय प्रस्तुति दी। ललित यादव की टीम ने भजन संध्या से अपनी मनमोहक प्रस्तुति दी। शिवनंदन चक्रधारी की टीम ने मानस गान में राम भक्त हनुमान के भक्ति की व्याख्या की। धन्नू लाल साहू की टीम लोक कला मंच ने छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति और परंपरा को मंच पर बिखेरा। साधेलाल रात्रे की टीम ने पंथी नृत्य से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। गीत से ताल मिलाते हुए एक साथ तय बरत रहिबे बाबा... पर नृत्य किया। बिलासपुर की आंचल पाण्डेय ने नृत्य नाटिका के माध्यम से भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों की जीवंत प्रस्तुति दी। आरती सिंह ने मनमोहक भाव भंगिमा के साथ कत्थक नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी। देवी भूमिका की टीम ने सुमधुर भजनों की प्रस्तुति दी। व्यास नाथ योगी ने चंदैनी एवं आनंद निषाद की लोक कला मंच ने शानदार प्रस्तुति देकर दर्शकों को अंत तक बांधे रखा।


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