गरियाबंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 7 जनवरी। नवापारा शहर में 108 कुंडीय विराट गायत्री महायज्ञ का भव्य आयोजन हो रहा है। इस कार्यक्रम के प्रथम दिवस डॉ. चिन्मय पंड्या शामिल हुए। डॉ. पंड्या का गायत्री परिजनों ने भावपूर्ण स्वागत किया। इसके पश्चात् डॉ. पंड्या जी ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति के साथ कार्यक्रम को शुभाशीष प्रदान किया।
जीवन का असली उद्देश्य भीतर स्थित देवत्व का जागरण करना है - डॉ. पंड्या
मंच पर जाने से पूर्व उन्होंने महायज्ञ स्थल पर स्थापित माँ गायत्री की मूर्ति और प्रखर-प्रज्ञा, सजल-श्रद्धा पर पुष्प चढ़ाकर नमन वंदन किया एवं गायत्री महामंत्र के 24 सूत्रों का प्रतिनिधित्व करतीं हुईं 24 गायों की अनूठी गौशाला के दर्शन भी किए। अपने प्रेरणादायक उद्बोधन में डॉ. पंड्या जी ने पूज्य गुरुदेव के विचारों का स्मरण करते हुए जीवन के उद्देश्यों और देवत्व के जागरण पर गहन प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, जीवन का असली उद्देश्य भीतर स्थित देवत्व का जागरण करना है।
डॉ. पंड्या जी ने यह भी कहा कि हम सभी के भीतर देवत्व का बीज विद्यमान है, जिसे जगाने के लिए हमें प्रयासरत रहना चाहिए। उन्होंने परम पूज्य गुरुदेव का यह संदेश साझा किया कि मनुष्य भटका हुआ देवता है और उसकी वास्तविकता तभी प्रकट होती है जब वह अपने भीतर की अपार संभावनाओं को जागृत करता है। जीवन का सही उद्देश्य यही है कि श्रेष्ठ मार्ग पर चलते हुए पीडि़त मानवता की सेवा करें और चुनौतियों को अवसर में बदलते हुए एक आदर्श नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें।
उन्होंने बताया कि मनुष्य में देवत्व का उदय और धरती पर स्वर्ग का अवतरण तभी संभव है, जब हम अपने कर्म और संकल्प को उच्चतर उद्देश्यों से जोड़ें। उनका संदेश श्रोताओं के लिए आत्म-बोध और आंतरिक उन्नयन का मार्ग प्रशस्त करने वाला था। समारोह के समापन पर, डॉ. पंड्या जी ने आयोजन में उपस्थित सभी गणमान्य और विशिष्ट अतिथियों का पूज्य गुरुदेव का साहित्य और स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया।
गायत्री महायज्ञ में विवाह संस्कार सम्पन्न
इस महायज्ञ में छत्तीसगढ़ नगर रायपुर से पधारे एक जोड़ा विवाह संस्कार दोनों पक्ष के बीच विधिवत मंत्रोच्चार के साथ गायत्री मंदिर के प्रांगण में सम्पन्न किया गया। वहां उपस्थित वर-वधु पक्ष को शांतिकुंज हरिद्वार से पधारे केंद्रीय टोली नायक परमेश्वर साहू एवं उनकी टीम द्वारा वर वधु दोनों को विवाह संस्कार का प्रमाण प्रदान कर आशीर्वाद दिए।