गरियाबंद

एक साल पूर्ण होने पर वन चौपाल
17-Dec-2024 2:46 PM
एक साल पूर्ण होने पर वन चौपाल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

गरियाबंद, 17 दिसंबर। छत्तीसगढ़ सरकार गठन के एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा 09 से 20 दिसम्बर तक विभिन्न गतिविधियों के तहत् 09 से 11 दिसम्बर तक वन प्रबंधन समिति, स्व सहायता समूह एवं अन्य वन हितग्राहियों की उपस्थिति में वन चौपाल का आयोजन किया गया। जिसमें समिति सदस्यों एवं वन हितग्राहियों को सुशासन की एक वर्ष की उपलब्धि एवं योजनाओं के संबंध उपस्थित जन समुदाय को जानकारी देते हुए बताया कि तेन्दूपत्ता संग्राहकों को प्रति मानक बोरा राशि 4000 से बढ़ाकर 5500 रूपये का वितरण किया जा रहा है। संग्रहण दर में बढ़ोत्तरी होने से गरियाबंद वनमण्डल में 5794 नए तेन्दूपत्ता संग्राहक बने एवं विगत वर्ष की तुलना में राशि 10 करोड़ 84 लाख रूपये से अधिक पारिश्रमिक भुगतान किया गया। किसान वृक्ष मित्र योजना अंतर्गत इच्छुक कृषक को 05 एकड़ तक की भूमि पर नि:शुल्क 5000 पौधे लगाकर देने का प्रावधान है।  गरियाबंद वनमण्डल अंतर्गत अब तक 4349 हितग्राहियों को रकबा 4016.522 हेक्टेयर भूमि का व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र का वितरण किया गया है। वन प्रबंधन समिति एवं वन प्रबंधन समिति अंतर्गत गठित स्व-सहायता समूहों को व्यक्तिगत आय सृजन रोजगार के संसाधन उपलब्ध कराने हेतु चक्रीय निधि के माध्यम से 4 प्रतिशत ब्याज दर से ऋण दिया जा रहा है।  वन प्रबंधन समितियों एवं ग्रामवासियों से मानव हाथी द्वंद को रोकने संबंधी सुझाव प्राप्त किये जा रहे है एवं हिंसक वन्यप्राणियों जैसे शेर, तेन्दुआ, भालू, लकड़बग्घा, भेडिय़ा, जंगली सुअर, गौर, होने पर 2 लाख रूपये, जनघायल होने पर 59 हजार पक्का, कच्चा मकान मे 25 प्रतिशत पर 30 हजार रूपये, 50 प्रतिशत पर 60 हजार रूपये, 75 प्रतिशत पर 90 हजार रूपये, 100 प्रतिशत पर 1 लाख 20 हजार रूपये मुआवजा राशि प्रदान किया जाता है।

पूर्व दर में बढ़ोत्तरी करते हुए मकान क्षति होने पर पहाड़ी क्षेत्र के पक्का, कच्चा मकान में 25 प्रतिशत पर 32 हजार 500 रूपये, 50 प्रतिशत पर 65 हजार रूपये, 75 प्रतिशत पर 97 हजार 500, 100 प्रतिशत पर 1 लाख 30 हजार, मुआवज राशि पूर्व दर में बढ़ोत्तरी करते हुए आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त (15 प्रतिशत) पक्का मकान के लिए 6 हजार 500 रूपये, कच्चा मकान के लिए 4 हजार रूपये, झोपडिय़ों के लिए क्षतिग्रस्त होने पर एकमुश्त 8 हजार रूपये तथा घर से जुड़ा पशु शेड पर 3 हजार रूपये तक की मुआवजा राशि की जानकारी से अवगत कराया गया। लघु वनोपज प्रसंस्करण एवं विपणन के माध्यम से कोदो, कुटकी, रागी, लाख, शहद, तथा अन्य लघु वनोपज उत्पादों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि की गई है।


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