गरियाबंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 24 अक्टूबर। विशेष पिछड़ी जनजाति कमार समाज के देव संस्कृति एवं प्रकृति पूजा विधान को नष्ट करने से बचाने के लिए आदिवासी समाज के पदाधिकारियों ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम पर एसडीएम मैनपुर को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में बताया गया कि विशेष पिछड़ी जनजाति कमार समाज ग्राम जाड़ापदर स्थित बोराई के जंगल में हमारे कमार जनजाति (विशेष पिछड़ी जनजाति) द्वारा आदिवासी देवी-देवताओं के देव स्थल राऊल में (ब्रम्हनीनमाय, राव देव, गडिय़ा देव) स्थापित है, जिसका हमारे पूवों द्वारा आदिकाल से देव स्थल पूजा स्थल के रूप में अपने धर्म संस्कृति, बोली भाषा, रीति रिवाज के अनुसार विधानों को निभाते आ रहे हैं, यह भूमि हमारे देव स्थल के लिए हमारे समुदाय द्वारा सुरक्षित एवं संरक्षित रखा गया है, जिसमें हमारे प्राचीन विरासत रीति रिवाज, धर्म संस्कृति का कार्य एवं पालन करते आ रहे हंै। हमारे देव स्थल के समीप नियम विरुद्ध राइस मिल के निर्माण किया जा रहा है, रोक लगाने के संबंध में कई बार आवेदन एवं सूचना देने के बाद भी कार्रवाई लंबित रखा गया है।
ज्ञापन में आरोप लगाया कि देवगुड़ी राऊल के समीप अरवा उसना राईस मिल स्थापना नियम के विरूद्ध किया जा रहा है, जिस पर तत्काल रोक लगाने के बजाय शासन प्रशासन के सहयोग से कार्य किया जा रहा है और हमारे आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
हमारे कमार समाज के प्राकृतिक रीति रिवाज धर्म संस्कृति, परम्परा देव संस्कृति पूजा पाठ विधान, बोली, संस्कृति एवं प्राकृतिक पर्यावरण को राईस मिल स्थापना कर नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है, रोक हेतु तत्काल कार्रवाई की जाए।
राईस मिल स्थापना पर हमारे देवी देवता एवं प्राकृतिक आस्था के साथ खिलवाड़ कर हानि पहुंचाने का प्रयास शासन प्रशासन के सहयोग से किया जा रहा है।
पेसा एक्ट के तहत ग्राम पंचायत जाडापदर, ग्राम जाडापदर के ग्राम सभा द्वारा 21 सितंबर को राईस मिल स्थापना नहीं करने के संबंध में प्रेषित ग्राम सभा प्रस्ताव का आज तक कार्रवाई नहीं होने एवं जानबूझकर रोकने प्रयास किया जा रहा है।
ज्ञापन सौंपने के दौरान प्रमुख रूप से बिजउ राम नेताम, बुधराम नेताम, रामलाल मचल, अमृत नागेश सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे।