गरियाबंद

पर्युषण पर्व पर साध्वी संघमित्रा ने 14 दिव्य सपनों का अर्थ समझाया
04-Sep-2024 2:09 PM
पर्युषण पर्व पर साध्वी संघमित्रा ने 14 दिव्य सपनों का अर्थ समझाया

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 4 सितंबर।
स्थानीय श्वेताम्बर जैन मंदिर प्रांगण में पर्वाधिराज पर्व पर्युषण श्री आराधना जप, तप प्रभुभक्ति के साथ की जा रही है। प्रात: कालीन बेला में मंदिर प्रांगण में स्नात्र महोत्सव का आयोजन प्रतिदिन हो रहा है। श्रद्धालु श्रावक श्राविका इंद्र के रूप में प्रभु का अभिषेक एवं जन्म महोत्सव मनाते हैं। रात्रि में परमात्मा की आरती हेतु श्रावक श्राविकाओं का हुजूम उमड़ पड़ता है।

पर्वाधिराज पर्व के चौथे दिवस पर आज प्रवचन में जैन साध्वी संघमित्रा श्रीजी ने कल्पसूत्र की विवेचना करते हुए बताया कि प्रभु महावीर के जन्म के पूर्व माता त्रिशला चौदह स्वप्न देखती हैं तब राजा सिद्धार्थ राज ज्योतिषियों को बुलाते है और उन स्वप्नों का अर्थ पूछते हैं तब राज ज्योतिषी बताते है कि ये दिव्य स्वप्न है और आने वाला बालक चक्रवर्ती या तीर्थकर का जीव हैं। सभी सपनों का उन्होंने अर्थ बताया। 

कल पर्व के पांचवें दिवस प्रात: प्रवचन में सभी चौदह स्वप्नों का एवं पालने में विराजित प्रभु का चढ़ावा बोला जाएगा एवं दोपहर 3 बजे कल्पसूत्र की व्याख्या के अंतर्गत प्रभु महावीर का जन्म वाचन धूमधाम से मनाया जाएगा। तत्पक्षात पालना जी के लाभार्थी परिवार के घर आंगन प्रभु पालना सकल श्री संघ के साथ गाजे बाजे के साथ ले जाया जाएगा। जहां पर रात्रि भक्ति का कार्यक्रम भी संपन्न होगा।
 


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