गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 23 अगस्त। छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले आज पदोन्नति, युक्तियुक्तकरण, ऑनलाइन अवकाश प्रक्रिया में संशोधन हेतु प्रदेश के मुख्यमंत्री व शिक्षा सचिव के नाम कलेक्टर व जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
छग शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले परमेश्वर निर्मलकर के नेतृत्व में गुरुवार को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया कि शिक्षकों की समस्याओं जिसमें युक्तियुक्तकरण के तहत प्राचार्य, व्याख्याता, शिक्षक, प्रधानपाठक (प्राथमिक/पूर्व माध्यमिक) के पदों पर पहले पदोन्नति करने, 2008 के सेटअप जिसमें न्यूनतम छात्र संख्या पर एक प्रधान पाठक एवं चार शिक्षक पदस्थ करने का नियम बनाया गया था। और इसी के आधार पर भर्ती व पदोन्नति विभाग द्वारा की गई है।
एक पद घटाने से एक शिक्षक तो स्वमेव अतिशेष हो जाएंगे। यह नियम व्यवहारिक नहीं है, तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उल्लंघन है। अत: 2 अगस्त 2024 के युक्तियुक्तकरण नियम में न्यूनतम विद्यार्थी संख्या पर भी एक प्रधान पाठक एवं चार शिक्षक का सेटअप स्वीकृत किये जाने, 2008 के सेटअप में प्राथमिक शाला में न्यूनतम छात्र संख्या पर एक प्रधान पाठक व दो सहायक शिक्षक का पद स्वीकृत किया गया था।
2 अगस्त 2024 के युक्ति युक्तकरण नियम में न्यूनतम विद्यार्थी संख्या पर एक प्रधान पाठक एवं दो सहायक शिक्षक का सेटअप स्वीकृत हो, प्रधान पाठक का पद समाप्त करने वाला इस युक्तियुक्तकरण नियम से सहायक शिक्षक व शिक्षक की पदोन्नति 50 प्रतिशत तक कम होगी। इससे शिक्षकों के पदोन्नति के अवसर कम होंगे जो पूर्णत: अनुचित है। इसी प्रकार प्रत्येक प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक शाला का स्वतंत्र अस्तित्व हो जिसके नियंत्रण व शिक्षण व्यवस्था के लिए स्वतंत्र प्रधान पाठक जरूरी है, इससे सहायक शिक्षक व शिक्षकों को पदोन्नति भी मिलेगी।
बालवाड़ी संचालित स्कूलों में बालवाड़ी 1 व प्राथमिक 5 कुल 6 कक्षा के संचालन हेतु न्यूनतम संख्या में भी 1 अतिरिक्त सहायक शिक्षक व्यवस्था हो, 2 अगस्त 2024 को जारी युक्तियुक्तकरण नियम से शाला में पदों की संख्या कम किया गया है। इससे नई भर्ती नहीं होने से प्रशिक्षित बेरोजगारों के साथ भी अन्याय होगा। युक्तियुक्तकरण से उच्चतर विद्यालय में काम का बोझ बढ़ जाएगा। जिससे राष्ट्रीय शिक्षा नीति का पालन सही तरीके से नहीं हो पायेगा। इस पूरी प्रकिया में समय / शासकीय सम्पत्तियों (रिक्त भवन जो खंडहर हो सकता है) एवं छात्रों के भविष्य पर कुठाराघात होगा। इसके अलावा युक्तियुक्तकरण की संपूर्ण प्रक्रिया सार्वजनिक की जावे तथा दावा आपत्ति करने व उसके निराकरण का समुचित अवसर प्रदान किया जाए।
स्कूल शिक्षा विभाग भविष्य में भी शिक्षा व्यवस्था से जुड़े मामलों में एकतरफा आदेश निर्देश जारी करने से पहले कर्मचारी संगठनों से चर्चा कर सर्वसम्मत व प्रभावी कदम उठाया जावे जैसे मांगों का मुख्यमंत्री व शिक्षा सचिव के नाम कलेक्टर प्रतिनिधि एवं जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया इस दौरान छत्तीसगढ़ संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारी शिक्षकगण मौजूद थे।


