गरियाबंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 18 अगस्त। पश्चिम बंगाल में महिला चिकित्सक के साथ हुई बर्बरता पुवँक गैंगरेप व नृशंस हुई हत्या को न्याय व डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर प्रदेश सहित गरियाबंद जिला के डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन स्वरूप एकदिवसीय धरना व प्रदर्शन करते हुए चिकित्सकीय कार्यों का बहिष्कार किया। डॉक्टरों द्वारा एक दिवसीय धरना प्रदर्शन से मरीज अस्पताल पहुँच कर परेशान हुए।
पश्चिम बंगाल में महिला डॉक्टर के साथ गैंगरेप व नृशंस हत्या हुई मृतिका डॉक्टर को न्याय एवं डॉक्टरों को सुरक्षा प्रदान देने की मांग को लेकर फेडरेशन के आव्हान पर प्रदेश सहित गरियाबंद जिले के सभी 5 सी.एस.सी. ,28 सब सेन्टर बंद रहा सिर्फ इमरजेंसी कार्यों के लिए ही डॉक्टर नजर आए। विरोध प्रदर्शन में डॉक्टरों ने जम कर नारे बाजी किया।
वहीं दूसरी ओर इस बन्द के चलते जिला के विभिन्न मरीजों को काफी तकलीफों का सामना करना पड़ा, क्योंकि ग्रामीणों को इस हड़ताल की जानकारी नहीं थी और वे बिमार बच्चे, बुजुर्गों व महिलाओं को लेकर लगातार अस्पताल पहुंच रहे हैं, किंतु उन्हें निराशा के साथ वापस जाना पड़ रहा है।
ज्ञात हो कि पश्चिम बंगाल के मेडिकल कॉलेज, कोलकाता में चिकित्सा छात्रा के साथ हुए दानवीय कृत्य, रेप कर हत्या का हेल्थ फेडरेशन विरोध करते हुए शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे प्रोटेस्टर्स को सामूहिक रूप से भीड़ द्वारा हमला और इस जघन्य अपराध के सबूत मिटाने की कोशिश करना अपराधिक मानसिकता का परिचायक है। मृत छात्रा के लिए हम तत्काल न्याय की मांग करते हैं और दोषियों पर तत्काल अतिशीघ्र कठोर वैधानिक कार्रवाई की मांग करते हैं। साथ ही तत्काल संपूर्ण देश में चिकित्सक एवं संपूर्ण चिकित्सकीय स्टाफ सुरक्षा के लिए कठोर कानून लाया जाए एवं उनका कड़ाई से पालन हो, जिसमें संस्था प्रमुख पर भी कार्रवाई शामिल हो। मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट के तहत 10 साल की सजा का प्रावधान किया जाए।