गरियाबंद

नवापारा-राजिम, 16 अप्रैल। महाप्रभु वल्लभाचार्य जी का 546 वां जन्मोत्सव चंपारण में उत्साह के साथ मनाया गया। महाप्रभु वल्लभाचार्य के वंशज गादीपति व्दारकेशलालजी, पुरूषोत्तमलालजी, चिं. अनुग्रह सहित पूरा परिवार चंपारण पहुंचा हुआ है। प्राकट्य उत्सव को लेकर आज प्रात: शोभायात्रा द्वारकेश भवन से निकाली गई।
ढोल, बाजा, निशान के साथ वल्लभाचार्यजी के चिन्हों के व्दारा शोभायात्रा में शामिल हुए। जिसमें अधिकांश महिला पुरूषों को बृजवासी परिवेश में शामिल हुए थे। रास्ते में जगह-जगह डांडिया नृत्य करते नजर आए। जानकारी के अनुसार इस पूरे वन परिक्रमा में लगभग 9 किमी की यात्रा की गई।
यात्रा के अंतिम चरण में महाप्रभु वल्लभाचार्यजी के प्रागट्य स्थल पर पहुंचे। जहंा धूमधाम से सभी वैष्णवजनों का अभिनंदन किया गया। तत्पश्चात दोपहर 2 बजे नंदोत्सव पर्व मनाया जाएगा।
संध्या 4 बजे महाप्रभु जी के तिलक के दर्शन होंगे। उक्त जानकारी कमलभाई अढिय़ा ने दी। आज संध्या यमुनाजी में नाव में वल्लभाचार्यजी के प्रतिमा को विराजमान किया गया। इस अवसर पर स्थानीय लोगों के अलावा अनेक राज्यों से वैष्णवजन पहुंचे हुए हैं।