संपादकीय

अपने आपको हिन्दुस्तान का सबसे बड़ा राष्ट्रवादी और देशभक्त कारोबारी साबित करने वाले, स्वघोषित बाबा, रामदेव की ताजा बकवास सामने आई है जिसमें किसी नशाविरोधी सार्वजनिक कार्यक्रम में वह मुस्लिम लोगों के नाम लेकर उनके नशा करने के बारे में बोल रहा है। रामदेव ने मंच और माईक से जब कई बार यह कहा कि सलमान खान का बेटा ड्रग्स लेते हुए पकड़ाया और जेल गया, तो लोगों ने उन्हें सुधारा, और कहा कि वह सलमान का नहीं, शाहरूख खान का बेटा था, तो रामदेव ने कहा कि शाहरूख का बच्चा ड्रग्स लेते पकड़ा गया, और सलमान भी ड्रग्स लेता है। उन्होंने कहा आमिर ड्रग्स लेता है या नहीं, यह पता नहीं, पूरा बॉलीवुड आज ड्रग्स की चपेट में है, एक्ट्रेस का तो भगवान ही मालिक है। फिर बॉलीवुड से परे इतिहास में जाकर उन्होंने कहा कि इस्लाम में अगर कोई शराब पी ले, या उसे हाथ भी लगा दे, तो उसे नापाक कहते हैं, लेकिन जिन्ना दारू पीता था, अच्छा हुआ मर गया।
वैसे तो रामदेव नाम का यह बकवासी आदमी किसी गंभीर टिप्पणी के लायक नहीं है, लेकिन जब वह इस देश में एक साम्प्रदायिक नफरत को फैलाने की ऐसी खुली और हिंसक कोशिश करता है, तो उसकी इस बदनीयत के खिलाफ लिखना भी जरूरी है। चूंकि देश के हर कस्बे तक इसके सामानों की दुकानें खुल चुकी हैं, यह खुद कई टीवी चैनलों का मालिक है, देश के सबसे मान्यता प्राप्त, और जीवनरक्षक इलाज, एलोपैथी के खिलाफ तरह-तरह की बकवास करने के बाद माफी मांगने को मजबूर हो चुका है, और फिर भी इसकी आदत जाती नहीं है, इसलिए इसकी बकवास के पीछे की साम्प्रदायिकता को उजागर करना जरूरी है।
लोगों को याद होगा कि यूपीए सरकार के समय उसे हटाने की नीयत से गांधी टोपी की आड़ में अन्ना हजारे ने जो बेईमान आंदोलन शुरू किया था, उसने मनमोहन सिंह सरकार को इस हद तक बदनाम करने में कामयाबी पाई थी कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने की राह आसान हो गई थी। उस आंदोलन में रामदेव भी शामिल था, और देश भर में महज अकेली कांग्रेस पार्टी के भ्रष्टाचार के खिलाफ झंडा उठाकर रामदेव ने धर्म से लेकर आध्यात्म तक, और राष्ट्रवाद से लेकर फर्जी फतवों तक का सहारा लिया, और कांग्रेसविरोधी और मोदी समर्थक अभियान चलाया। टीवी के कार्यक्रमों में रामदेव मोदी सरकार आने पर 35 रूपये में डॉलर, और 35 रूपये में पेट्रोल दिलवाने की मुनादी कर रहा था, और विदेश से कालाधन लाकर देश के हर नागरिक के खाते में 15-15 लाख रूपये डलवाने की गारंटी भी दे रहा था। आज जब डॉलर और पेट्रोल दोनों ही मनमोहन सरकार के वक्त से डेढ़ गुने से अधिक महंगे होते दिख रहे हैं, तो बाबा की बोलती बंद है। अब उसे न डॉलर दिखता, न डीजल-पेट्रोल, और 15 लाख रूपये की बात तो वह सहूलियत के साथ भूल ही चुका है।
अब इस आदमी की नफरती नीयत इस ताजा भाषण से उजागर होती है जिसमें वह नशे के सिलसिले में चार मुस्लिमों के नाम लेता है, मानो मुस्लिमों के अलावा इस देश में और कोई नशा करते ही नहीं हैं, और न ही इतिहास में जिन्ना के अलावा कोई शराबी हुआ है। यह आदमी सलमान खान के ड्रग्स लेने की बात को इस दमखम से बोल रहा है कि मानो इसने खुद पतंजलि में सलमान खान का ड्रग टेस्ट किया हो। सच तो यह है कि आज सलमान खान अपनी आर्थिक क्षमता और रामदेव के आर्थिक साम्राज्य दोनों के मुताबिक हजार करोड़ रूपये का मानहानि का दावा करे, तो रामदेव की अकल पल भर में ठिकाने आ जाएगी। फिल्म इंडस्ट्री में कौन-कौन नशा नहीं करता है, इसका अंदाज लगाने के लिए भी रामदेव को एक और मुस्लिम कलाकार मिलता है, और वह कहता है कि आमिर ड्रग्स लेता है या नहीं, यह पता नहीं। कुल मिलाकर यह है कि नशे के संदर्भ में रामदेव को मुस्लिमों के अलावा और कोई नहीं दिखता। और यह बात मासूम बात नहीं है। इसके साथ-साथ नशे के सिलसिले में जब यह भगवाधारी, जटाजूटी, साधूनुमा आदमी कहता है कि एक्ट्रेस का तो भगवान ही मालिक है, तो यह बॉलीवुड की तमाम अभिनेत्रियों पर शक की उंगली भी उठाता है। इस आदमी को लोग दो वजहों से माफ करते आए हैं, बहुत से लोगों का यह मानना है कि साधू के हुलिए में जो भगवाधारी है, उसके सौ कतल माफ होते हैं, और ऐसे धर्मालु लोग रामदेव की हर बकवास को भक्तिभाव से सुनते हैं। दूसरे जो लोग रामदेव की हकीकत को जानते-समझते हैं, वे लोग इसे बुनियादी-बकवासी मानकर एक गैरगंभीर की तरह अनदेखा कर देते हैं। लेकिन हम इस पर इसलिए लिख रहे हैं कि हम भगवे की आड़ में नफरत फैलाने की ऐसी साम्प्रदायिक हरकत को अनदेखा करने की गैरजिम्मेदारी दिखाना नहीं चाहते। यह आदमी परले दर्जे का काईयां और धूर्त है, यह समय-समय पर अपने कारोबार के लिए तिरंगे झंडे की आड़ लेता है, राष्ट्रवाद की आड़ लेता है, योग और ऋषिमुनियों की आड़ लेता है। यह भाड़े के हत्यारे की तरह का सुपारी-आंदोलनकारी है जो कि किसी नाजुक वक्त पर किसी चुनिंदा निशाने के खिलाफ आंदोलन और अभियान का ठेका लेता है। कोई हैरानी नहीं होगी कि इसने आज बॉलीवुड के एक मुस्लिम-विरोधी तबके से ऐसी बकवास करने की कोई सुपारी ली हो। सलमान खान एक ऐसे पेशे में हैं कि वे शायद इस देश की जनता के एक बड़े धर्मान्ध और मुस्लिम-विरोधी तबके की नाराजगी लेना न चाहें, क्योंकि फिल्मों के दर्शक तो वे लोग भी होते हैं। वरना यह सही मौका है कि रामदेव को एक सबक सिखाया जाए, अदालत में घसीटा जाए, और यह साबित करने को कहा जाए कि सलमान खान ड्रग्स लेते हैं, यह साबित करे। अदालत में यह भी पूछा जाना चाहिए कि नशे के सिलसिले में इसे महज मुस्लिम नाम क्यों याद आते हैं? रामदेव की सोच के एकदम करीब वाले हिन्दुस्तान के एक भूतपूर्व प्रधानमंत्री ने तो अपने शराब पीने की बात को बहुत रहस्य बनाकर भी नहीं रखा था, और उनकी शराब के बारे में जानकारी हजारों लोगों को थी। रामदेव को ऐसी मिसालें इसलिए नहीं सूझतीं कि इनसे मुस्लिमों को बदनाम करने का उसका मौका कुछ कमजोर हो जाएगा। हम सार्वजनिक जीवन के किसी भी चर्चित और बड़े व्यक्ति की ऐसी साजिशों को अनदेखा करने के खिलाफ हैं, और इन्हें सार्वजनिक रूप से धिक्कारा जाना चाहिए, इनकी बदनीयत का भांडाफोड़ किया जाना चाहिए।
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