दुर्ग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 3 सितंबर। जनपद पंचायत दुर्ग क्षेत्र में स्वीकृत 1620 आवासों में से एक भी का निर्माण अब तक प्रारंभ नहीं हुआ है। जारी वित्तीय वर्ष आधा गुजरने को है मगर अब तक उक्त स्वीकृत आवास के किसी हितग्राही को एक भी किस्त जारी नहीं हुआ है। जनपद सदस्य ढालेश साहू ने अधिकारियों के दावों का पोल खोलते हुए जारी वित्तीय वर्ष में स्वीकृत आवासों की स्थिति पर रोष जताया। उन्होंने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत स्वीकृत आवासों का निर्माण कार्य तत्काल प्रारंभ कर ने मांग की है।
श्री साहू का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में प्रशासनिक उदासीनता ने गरीब हितग्राहियों के सपनों पर पानी फेर दिया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025-26 के लिए जनपद पंचायत दुर्ग को 2306 आवास का लक्ष्य मिला था। इनमें से 1620 आवास पात्र हितग्राहियों को स्वीकृत हुए है, लेकिन सितम्बर 2025 तक 6 माह बीतने के बाद भी एक भी मकान का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है, जो शासन-प्रशासन की विफलता का जीता-जागता उदाहरण है।
ढालेश का कहना है कि नियमों के अनुसार स्वीकृति आदेश जारी होने के 7 दिन के भीतर पहली किस्त जारी की जानी थी और 12 माह की समय-सीमा (अप्रैल 2025 से मार्च 2026) में मकान तैयार होना अनिवार्य है। लेकिन आधा समय बीत चुका है और अभी तक नींव भी नहीं डाली गई। इस लापरवाही के कारण गरीब परिवार आज भी कच्चे और जर्जर मकानों में बरसात और कठिन मौसम झेलने को मजबूर हैं। महिला, बच्चे और बुजुर्ग असुरक्षित स्थिति में जी रहे हैं वहीं योजना में शौचालय निर्माण हेतु 12 हजार रुपए की अतिरिक्त राशि के अलावा 70 हजार तक ऋण सुविधा का स्पष्ट प्रावधान है। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि प्रशासन ने न तो पहली किस्त जारी की, न ही हितग्राहियों को कोई वास्तविक सुविधा उपलब्ध कराई। इससे साबित होता है कि कागजों पर योजनाओं का ढोल पीटा जा रहा है और गरीबों के साथ खुला धोखा हो रहा है।
उनका कहना कि प्रशासनिक अधिकारी अभी तक पुराने लक्ष्यों को ही पूरा करने में उलझे हुए है। और उन्हीं का आंकड़ा देकर वाहवाही लूट रहे हैं मार्च 2025 तक जो आवास निर्माण का लक्ष्य पूरा होना था, उस पर भी आज की तारीख तक करीब 30 प्रतिशत काम शेष पड़ा हुआ है। तय समय-सीमा का लक्ष्य पूरा करने में असफल साबित प्रशासन पर अब नए लक्ष्यों पर भी सवाल खड़े कर रहा है। उन्होंने कहा कि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए तो प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) सिर्फ कागजों और बैठकों तक सीमित रह जाएगी, और गरीब हितग्राहियों का पक्का मकान पाने का सपना अधूरा रह जाएगा। श्री साहू ने मांग की है कि स्वीकृत 1620 आवासों का निर्माण कार्य तत्काल प्रारंभ कराया जाए। पहली किस्त की राशि शीघ्र जारी की जाए। साथ ही अपात्र घोषित किए गए 686 हितग्राहियों की सूची का पुन: परीक्षण कर वास्तविक पात्रों को लाभ दिया जाए। वहीं पुराने लक्ष्य के अधूरे काम को तत्काल पूर्ण किया जाए एवं जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय कर कड़ी कार्रवाई की जाए।