दुर्ग

दुर्ग निगम के 17 करोड़ का प्रोजेक्ट मंजूर, कचरा प्रबंधन में आएगा बड़ा बदलाव
02-Sep-2025 4:58 PM
दुर्ग निगम के 17 करोड़ का प्रोजेक्ट मंजूर, कचरा प्रबंधन में आएगा बड़ा बदलाव

महापौर ने राज्य शासन के प्रति जताया आभार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 2 सितंबर।
नगर निगम की महापौर अल्का बाघमार ने राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, नगरीय निकाय मंत्री अरुण साय  के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि यह दुर्ग शहर में स्वच्छता के लिए बड़ी सौगात है। बता दे कि शहर के नागरिकों को बेहतर स्वच्छता व्यवस्था उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ी पहल की गई है। भारत सरकार, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, नई दिल्ली के निर्देश पर स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 अंतर्गत गठित राज्य स्तरीय तकनीकी समिति (एसएलटीसी) की 8वीं बैठक 6 अगस्त  में नगर निगम दुर्ग की ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना को हरी झंडी मिल गई है।

इस परियोजना की लागत 1697.69 लाख (रुपये सोलह करोड़ सन्तानबे लाख उनहत्तर हज़ार मात्र) स्वीकृत की गई है। इसमें सूखे और गीले कचरे के बेहतर प्रबंधन के लिए नए संयंत्रों की स्थापना, पुराने संयंत्रों का उन्नयन एवं विकास तथा पाँच वर्षों तक उनका संचालन और संधारण शामिल है।

दुर्ग निगम बनेगा क्रियान्वयन एजेंसी
जारी आदेश के अनुसार, परियोजना को लागू करने की जिम्मेदारी नगर पालिक निगम, दुर्ग को दी गई है। निगम को तकनीकी स्वीकृति प्राप्त करने के बाद ही निर्माण कार्य प्रारंभ करना होगा। इसके अलावा परियोजना की प्रगति रिपोर्ट प्रतिमाह स्टेट नोडल एजेंसी को भेजनी होगी।

निविदा प्रक्रिया पर सख्त निर्देश
आदेश में कहा गया है कि निविदा केवल सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित प्रारूप में ही आमंत्रित की जाएगी। निविदा की प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956, नगरपालिका अधिनियम 1961, कार्य विभाग मैनुअल और विभाग द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। साथ ही निविदा में प्राप्त न्यूनतम दर का ही अनुमोदन और वित्तीय स्वीकृति दी जाएगी।

डीपीआर व भूमि स्वामित्व का पालन
निर्माण कार्य केवल सक्षम अधिकारी द्वारा अनुमोदित डीपीआर, नक्शे और ले-आउट के अनुसार ही होगा। कार्य केवल नगर निगम की स्वामित्व वाली अथवा प्रावधिक आबंटन प्राप्त भूमि पर ही किया जाएगा। किसी भी प्रकार के बदलाव के लिए सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति लेना अनिवार्य होगा।
स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 के दिशा-निर्देशों के तहत यह सुनिश्चित करना होगा कि परियोजना का कार्य समय-सीमा के भीतर पूर्ण हो। साथ ही मिशन में निर्धारित सुधारात्मक लक्ष्यों को भी वर्षवार प्राप्त करना अनिवार्य होगा।

पारदर्शिता और जवाबदेही
परियोजना से जुड़ी व्यय राशि का नियमानुसार लेखा संधारण करना होगा, कार्य प्रारंभ और पूर्णता की सूचना संबंधित कार्यालय को अनिवार्य रूप से देनी होगी, एमआईसी और सामान्य सभा की आगामी बैठक में भी परियोजना का विवरण सूचनार्थ प्रस्तुत किया जाएगा, महापौर अलका बाघमार ने कहा दुर्ग में स्वच्छता को नई गति, उन्होंने कहा इस परियोजना के लागू होने से दुर्ग शहर में सूखे और गीले कचरे के वैज्ञानिक निस्तारण की दिशा में बड़ा बदलाव आएगा। अब तक जहां कचरे के प्रबंधन में चुनौतियाँ थीं, वहीं इस नई पहल से न केवल पर्यावरण संरक्षण होगा बल्कि शहर की स्वच्छता रैंकिंग में भी सुधार की उम्मीद है। उन्होंने कहा कुल मिलाकर, यह परियोजना दुर्ग शहर की स्वच्छता व्यवस्था को सुदृढ़ करने के साथ-साथ नागरिकों को बेहतर जीवन-स्तर उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


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